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Swamy Sahajanand Saraswati : Amrit Kalash   

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Author Dinesh Dutt Sharma
Features
  • ISBN : 9789350488805
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1st
  • ...more
  • Kindle Store

More Information

  • Dinesh Dutt Sharma
  • 9789350488805
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1st
  • 2015
  • 416
  • Hard Cover

Description

स्वामी  सहजानंद  सरस्वती विकास सेवा संस्थान’ को बने तीस वर्ष से अधिक हो गए हैं। कहना न होगा कि स्थापना काल से ही यह संस्थान अपने संस्थापक अध्यक्ष डॉ. महाचंद्र प्रसाद सिंह के कुशल निर्देशन एवं संरक्षण में स्वामीजी की भावनाओं के अनुरूप किसान-मजदूरों के कल्याण हेतु पूर्ण रूप से संकल्पित एवं समर्पित रहा है। इस क्रम में किसान के बच्चों को शिक्षार्जन हेतु आर्थिक सहायता देने, उच्च न्यायालय में लड़ाई लड़कर 16 सरकारी गन्ना मिलों में किसानों के गन्ना मूल्य की लंबित राशि ब्याज सहित दिलवाने, किसान रथ के माध्यम से राज्य के 162 प्रखंडों में भ्रमण कर ‘कृषक-जागृति अभियान’ चलाने, राज्य मुख्यालय में स्वामीजी की आदमकद प्रतिमा स्थापित कराने, स्वामीजी की जयंती को राजकीय समारोह के रूप में मनाने की सरकारी घोषणा  कराने  आदि  कार्य अत्यंत महत्त्वपूर्ण एवं उल्लेखनीय हैं। इसके अतिरिक्त स्वामीजी के उदात्त आदर्शों को चिंतन और लेखन के स्तर पर जीवंत रखकर उसके प्रचार-प्रसार हेतु अनेक बौद्धिक कार्यक्रम और आयोजन भी किए जाते रहे हैं।

निश्चित रूप से स्वामीजी की पुण्यतिथि के अवसर पर ‘स्वामी सहजानंद सरस्वती :अमृत-कलश’ का प्रकाशन अत्यंत ही प्रशंस्य एवं शलाघ्य प्रयास है। आशा है, यह स्वामीजी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व के विविध आयामों को उद्घाटित करने में कारगर सिद्ध होगा।

The Author

Dinesh Dutt Sharma

स्वामी सहजानंद सरस्वती के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर आधारित कृति के परिवर्द्धित एवं परिष्कृत तृतीय संस्करण के द्वितीय खंड को आपके हाथों में सौंपते हुए मुझे हार्दिक प्रसन्नता हो रही है। इसका प्रथम खंड ‘ज्योति-कलश’ शीर्षक से स्वामीजी की ऐतिहासिक 125वीं जयंती के अवसर पर आपके समक्ष प्रस्तुत किया गया। यह द्वितीय खंड उनकी पुण्यतिथि के अवसर पर ‘अमृत-कलश’ नाम से प्रकाशित हुआ है।

आशा है, यह कृति प्रथम खंड की ही भाँति स्वामी सहजानंद सरस्वती की सोच और विचार के विभिन्न पहलुओं की गहराई से समीक्षा प्रस्तुत कर सकेगी। मुझे खुशी होगी, जब गाँव के किसान-मजदूर आर्थिक रूप से मजबूत होंगे, उन्हें उनकी कड़ी मेहनत का उचित मूल्य मिल सकेगा। अपनी इन्हीं भावनाओं और कल्पनाओं के साथ यह ‘अमृत-कलश’ स्वामीजी की पुण्यतिथि के अवसर पर पाठकों को समर्पित कर रहा हूँ। विश्वास है, सुधीजन इसे सकारात्मक प्रयास के रूप में ग्रहण कर मेरा उत्साह बढ़ाएँगे।

—डॉ. महाचंद्र प्रसाद सिंह

मंत्री,

लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग,

बिहार, पटना

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