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Shuddha Man Ki Ore   

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Author Dalai Lama
Features
  • ISBN : 9788173153419
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1st
  • ...more

More Information

  • Dalai Lama
  • 9788173153419
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1st
  • 2010
  • 122
  • Hard Cover

Description

शुद्ध मन की ओर ' पुस्तक में पिछले कुछ वर्षो के दौरान परम पावन दलाई लामा द्वारा दिए गए प्रवचनों, शिक्षाओं का संकलन किया गया है ।
महान् आध्यात्मिक नेता परम पावन दलाई लामा ने अपनी मोहक विशिष्‍ट शैली में मनुष्य के चित्त की प्रकृति का अध्ययन किया है तथा इस विचार पर बल दिया है कि यदि हम अधिक संतुष्‍ट जीवन बिताना चाहते हैं तो हमें अपने चित्त का परिष्कार करना होगा । परम पावन दलाई लामा ने इस पुस्तक में कष्‍टों और आनंद, प्रेम तथा सत्य के बारे में अपने अमूल्य विचार व्यक्‍त किए हैं तथा धार्मिक सहनशीलता से लेकर विश्‍व की अर्थव्यवस्था तक सभी महत्त्वपूर्ण मसलों पर व्यावहारिक दृष्‍ट‌िकोण अपनाते हुए चर्चा की है । उन्होंने करुणा और अहिंसा की आवश्यकता पर बल देते हुए मानव हृदय की अच्छाइयों को दोहराया है और यह भी सिखाया है कि कर्मों एवं विचारों के प्रति अपनी जिम्मेदारी और कार्य तथा फल के बीच परस्पर निर्भरता पर निरंतर ध्यान देते हुए कैसे हम शान से जी सकते हैं तथा शांति से मृत्यु की अंक में समा सकते हैं । नई शताब्दी के आरंभ में यह पुस्तक आशा की लौ जगाने के साथ-साथ हमें प्रेरणा देती है, हमारा मार्गदर्शन करती है ।

The Author

Dalai Lama

परम पावन तेंजिन ग्यात्सो तिब्बत के चौदहवें दलाई लामा हैं । इनका जन्म 6 जुलाई, 1935 को तिब्बत के पूर्वोत्तर क्षेत्र में ' तसकर ' नामक छोटे. से गाँव में हुआ था । दो वर्ष की आयु में इन्हें तेरहवें दलाई लामा के अवतार के रूप में स्वीकार किया गया था । 1940 में इन्हें विधिवत् पिछले दलाई लामा का उत्तराधिकारी माना गया । पंद्रह वर्ष की आयु में इन्हें तिब्बत सरकार का प्रमुख बना दिया गया । इन्होंने चीन- तिब्बत समस्या को सुलझाने के भरसक प्रयास किए, परंतु इनके प्रयास निष्फल रहे । 10 मार्च, 1959 को तिब्बत में विद्रोह के कुचल दिए जाने पर परम पावन को तिब्बत छोड़ भारत में शरण लेनी पड़ी ।

इन्होंने अनेक पुस्तकें लिखी हैं । इन्हें कई अंतरराष्‍ट्रीय पुरस्कार मिल चुके हैं । 1989 में इन्हें शांति का ' नोबेल पुरस्कार ' भी दिया गया ।

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