Prabhat Prakashan, one of the leading publishing houses in India eBooks | Careers | Events | Publish With Us | Dealers | Download Catalogues
Helpline: +91-7827007777

Shikhar Senani Subhas   

₹250

Out of Stock
  We provide FREE Delivery on orders over ₹1500.00
Delivery Usually delivered in 5-6 days.
Author Harindra Srivastava
Features
  • ISBN : 8188140147
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1st
  • ...more

More Information

  • Harindra Srivastava
  • 8188140147
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1st
  • 2010
  • 172
  • Hard Cover

Description

नेताजी के बारे में आज तक देश-विदेश की विभिन्न भाषाओं में, विभिन्न स्तर के लेखकों द्वारा लगभग पाँच सौ पुस्तकें और सैकड़ों लेख आदि लिखे जो चुके हैं, फिर भी आज तक उनके बारे में लोगों के दिलों में वैसी ही उत्सुकता, वैसा ही कुतूहल, वैसा ही प्यार और सम्मान है जैसा उस समय था-शायद उससे भी ज्यादा ही । नेताजी एक किंवदंती, एक युगपुरुष बन चुके हैं । पूरे छप्पन साल होने को आए नेताजी को विलोपित हुए पर उनकी लोकप्रियता में रत्ती भर भी कमी नहीं आई है । यहाँ तक कि एक अनबूझ सी ललक सबके मन में है कि शायद वह अचानक प्रकट हो जाएँ । उनका नाम जेहन में आते ही उनका करिश्माई व्यक्‍त‌ित्व आँखों के सामने आ जाता है और रोमांच सा हो आता है ।
नेताजी के जीवन में घटी सत्य घटनाओं पर पोथे-कें-पोथे रचे जा चुके हैं । उनके शौर्य और पराक्रम के किस्से पढ़कर रोंगटे खड़े हो जाते हैं । उनके रहस्यमय अंत (विलोप) के बारे में पढ़कर आँखों में बरबस आँसू उमड़ पड़ते हैं । पर उनके. चरित्र और संगठन शक्‍त‌ि के संदर्भ में उन सबकी विवेचना करें तो कोई भी पुस्तक । पूरी तरह से खरी नहीं उतर पाती । किसी ने भी यह बताने का प्रयास नहीं किया कि वे इस युग की अनुपम देन के साथ ही एक युग-निर्माता भी थे ।
नेताजी में नेतृत्व के सभी गुण थे। उनकी उत्कट देशभक्‍त‌ि, उनकी त्याग की ‌भावना, काम करने की लगन के बारे में सभी जानते थे; पर इन सबसे अलग जो बात उनमें थी वह थी उनकी सुदूर भविष्य में देख सकने की शक्‍त‌ि । और उन्हें स्वयं भी इस शक्‍त‌ि का बोध था । भावुकता का यह हाल कि भक्‍त‌ि संगीत सुनकर भाव- विभोर हो जाते और आँखों से आँसू झरने लगते ।. .वास्तविक यथार्थवादी और साथ ही गजब के दूरद्रष्‍टा थे वह ।
प्रस्तुत पुस्तक में नेताजी से संबंधित अनेक रोमांचक और चकित कर देनेवाली रहस्यमयी घटनाओं का उद‍्घाटन किया गया है, जिनके संबंध में आम जन अनभिज्ञ हैं । इस पुस्तक में नेताजी के विलोप हो जाने के बाद की उनसे जुड़ी अनेक रोचक घटनाओं को भी सूत्रबद्ध किया गया है, जिसे पढ़कर पाठकगण विस्मित और रोमांचित तो होंगे ही, उन्हें अनेकानेक नवीन जानकारियाँ भी प्राप्‍त होंगी ।

The Author

Harindra Srivastava

Customers who bought this also bought

WRITE YOUR OWN REVIEW