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Shakespeare Ki Lokpriya Kahaniyan   

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Author William Shakespeare , Mahesh Sharma
Features
  • ISBN : 9789383110629
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1st
  • ...more
  • Kindle Store

More Information

  • William Shakespeare , Mahesh Sharma
  • 9789383110629
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1st
  • 2020
  • 132
  • Hard Cover

Description

सदी के महान् नाटककार विलियम शेक्सपीयर का जन्म 26 अप्रैल, 1564 को इंग्लैंड में हुआ।
कुछ लोग मानते हैं किसान का बेटा किसान होता है, डॉक्टर का डॉक्टर और सैनिक का सैनिक आदि-आदि। लेकिन शेक्सपीयर के खानदान का लेखन से दूर-दूर तक कोई लेना-देना नहीं था। उनके पिता पेशे से किसान थे, लेकिन शेक्सपीयर को खेती-किसानी नहीं भाई; बल्कि बचपन में उन्होंने एक नाटक देखा और शायद तभी फैसला कर लिया कि वह भी नाटककार बनेंगे। उनका सपना वर्ष 1592 में साकार हुआ, जब वह लंदन में थिएटर से जुड़े और जल्दी ही एक सफल अभिनेता व कलाकार के रूप में लोकप्रिय हो गए।
उन्होंने दुखांत, सुखांत, मजाकिया—हर तरह के नाटक किए। उनके प्रसिद्ध नाटकों में ‘द कॉमेडी ऑफ एरर’,‘ रोमियो एंड जूलियट’, ‘द मर्चेंट ऑफ वेनिस’, ‘एज यू लाइक इट’, ‘हैमलेट’, ‘जूलियस सीजर’ इत्यादि शामिल हैं।
आज लगभग 400 साल बाद भी उनके नाटकों के प्रति लोगों का जुनून बरकरार है। प्रस्तुत जीवनी उन्हीं महान् नाटककार के जीवन की घटनाओं से हमें परिचित कराती है।

The Author

William Shakespeare

महान् नाटककार और लेखक विलियम शेक्सपियर का जन्म अप्रैल, 1564 को स्टेटफोर्ड शहर में श्रीमती मरियम और जॉन शेक्सपियर के घर में हुआ। अपनी शिक्षा के दौरान उन्होंने एक प्रसिद्ध लेखक का नाटक पढ़ा। अत: उनका झुकाव नाटक की ओर हो गया और अंतत: दुनिया के प्रसिद्ध नाटककार बने। नवंबर 1582 में एक किसान की बेटी ऐनी हाथवे से उनका विवाह हुआ। बाद में लंदन आकर एक थियेटर में नौकरी की। यहीं पर उन्होंने लिखना और नाटक खेलना शुरू किया। यहीं पर उन्होंने अपने जीवनकाल में ‘रोमियो और जूलियट’, ‘मैकबेथ’, ‘हैमलेट’, ‘द मर्चेंट ऑफ वेनिस’, ‘जूलियस सीजर’ आदि कुल 37 नाटक लिखे। कविताओं के अलावा उन्होंने 154 सोनेट भी लिखे। सन् 1599 में ग्लोब नामक थियेटर स्थापित किया। स्मृतिशेष : 23 अप्रैल, 1616।

Mahesh Sharma

हिंदी के प्रतिष्‍ठित लेखक महेश शर्मा का लेखन कार्य सन् 1983 में आरंभ हुआ, जब वे हाईस्कूल में अध्ययनरत थे। बुंदेलखंड विश्‍वविद्यालय, झाँसी से 1989 में हिंदी में स्नातकोत्तर। उसके बाद कुछ वर्षों तक विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं के लिए संवाददाता, संपादक और प्रतिनिधि के रूप में कार्य। लिखी व संपादित दो सौ से अधिक पुस्तकें प्रकाश्य। भारत की अनेक प्रमुख हिंदी पत्र-पत्रिकाओं में तीन हजार से अधिक विविध रचनाएँ प्रकाश्य। हिंदी लेखन के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए अनेक पुरस्कार प्राप्‍त, प्रमुख हैंमध्य प्रदेश विधानसभा का गांधी दर्शन पुरस्कार (द्वितीय), पूर्वोत्तर हिंदी अकादमी, शिलाँग (मेघालय) द्वारा डॉ. महाराज कृष्ण जैन स्मृति पुरस्कार, समग्र लेखन एवं साहित्यधर्मिता हेतु डॉ. महाराज कृष्ण जैन स्मृति सम्मान, नटराज कला संस्थान, झाँसी द्वारा लेखन के क्षेत्र में ‘बुंदेलखंड युवा पुरस्कार’, समाचार व फीचर सेवा, अंतर्धारा, दिल्ली द्वारा लेखक रत्‍न पुरस्कार इत्यादि।
संप्रति : स्वतंत्र लेखक-पत्रकार।

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