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Shabd Shabd Jharte Arth   

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Author Shriram Parihar
Features
  • ISBN : 9789382901792
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : Ist
  • ...more

More Information

  • Shriram Parihar
  • 9789382901792
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • Ist
  • 2019
  • 192
  • Hard Cover

Description

भूमि के पुत्र के रूप में मनुष्य ने अपनी विचारणा का विस्तार किया। उसके चिंतन में भूमि अपनी समग्रता में समा गई। तात्पर्य यह कि चिंतन की सरणियाँ जब दिक् के भौतिक स्वरूप को भेदती हैं तो जड़ वस्तु सजीव बनकर उपस्थित होती है। यह कौतुक नहीं है। सत्य और ऋत् की आनुभूतिक चिंतना की देहरी पर खड़े मनुष्य ने भूमि-जाये, तृण-पर्वत, नदी-सिंधु में एक चैतन्य शक्ति की ज्योति का साक्षात् किया। यह अनुभव भय या विस्मय आधारित नहीं है। यह मनुष्य के भीतर के उल्लास का महोल्लास में रूपांतरण है। एक आभ सब में चमक-रेख बनकर क्रियात्मक शक्ति के रूप में उभरती है। क्रियात्मकता मनुष्य के व्यवहार और निसर्ग की धड़कनों और उसकी सर्जनात्मक-विध्वंसात्मक प्रवृत्ति में अभिव्यक्त होती है। उन्हीं में से सनातन-पुरुष और सनातन प्रकृति उभरती है। राष्ट्रपाद के चैतन्यलोक की यह ‘सनातनता’ नींव है।’’

—इसी पुस्तक से

The Author

Shriram Parihar

जन्म : 16 जनवरी, 1952 को मध्य प्रदेश के खंडवा जिले के छोटे से गाँव फेफरिया में।

शिक्षा : पी.एच-डी., एम.ए., डी.लिट्.।

प्रकाशन : ‘आँच अलाव की’, ‘अँधेरे में उम्मीद’, ‘धूप का अवसाद’, ‘बजे तो वंशी, गूँजे तो शंख’, ‘ठिठके पल पँाखुरी पर’, रसवंती बोलो तो, ‘झरते फूल हरसिंगार के’, हंसा कहो पुरातन बात’, ‘बोली का इतिहास’, ‘भय के बीच भरोसा’ (ललित निबंध-संग्रह); ‘चौकस रहना है’ (नवगीत-संग्रह); ‘कहे जन सिंगा’ (लोक-साहित्य); ‘रचनात्मकता और उत्तरपरंपरा’ (समीक्षात्मक निबंध-संग्रह); ‘संस्कृति सलिला नर्मदा’ (यात्रा-वृत्तांत); ‘निमाड़ी साहित्य का इतिहास’, ‘परंपरा का पुनराख्यान’ (चिंतनपरक निबंध-संग्रह)।

सम्मान-पुरस्कार : वागीश्वरी पुरस्कार, निर्मल पुरस्कार, माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पुरस्कार, ईसुरी पुरस्कार, चक्रधर सम्मान, दुष्यंत कुमार राष्ट्रीय अलंकरण, राष्ट्र धर्म गौरव सम्मान, राष्ट्रीय हिंदी सेवी सहस्राब्दी सम्मान, सारस्वत सम्मान, हिमालय कला एवं साहित्य सम्मान।

इंग्लैंड, स्कॉटलैंड एवं श्रीलंका की साहित्यिक एवं सांकृतिक संदर्भों में यात्राएँ।

संप्रति : प्राचार्य, माखनलाल चतुर्वेदी शासकीय स्नातकोत्तर कन्या महाविद्यालय, खंडवा।

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