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Sankramak Beemariyon Se Kaise Bachen

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Author Dr. Premchandra Swarnkar
Features
  • ISBN : 9789381063101
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1st
  • ...more
  • Kindle Store

More Information

  • Dr. Premchandra Swarnkar
  • 9789381063101
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1st
  • 2018
  • 216
  • Hard Cover
  • 435 Grams

Description

क्या आपको पता है, विभिन्न संक्रमणों के कारण एवं उलटी-दस्त और पानी की कमी से दुनिया में प्रतिदिन 4 हजार बच्चे मौत के मुँह में चले जाते हैं? हमारे देश में प्रतिवर्ष 15 लाख रोगी आंत्रशोथ, हैजा और भोजन विषाक्‍तता जैसे संक्रामक रोगों से मृत्यु को प्राप्‍त होते हैं। इसी तरह क्षय रोग, डेंगू, मस्तिष्क ज्वर, रूमेटिक ज्वर, मलेरिया एवं श्‍वसन संस्थानों के संक्रमणों से भी लाखों बच्चे और वयस्क असमय काल का ग्रास बन जाते हैं।
देश की लगभग आधी आबादी निरक्षर होने के कारण लोगों में इन रोगों से बचाव के प्रति जागरूकता का भी अभाव है। हमारे प्रचार माध्यम एक सीमा तक लोगों को जागरूक तो कर रहे हैं, परंतु संक्रामक रोगों की सही और वास्तविक जानकारियाँ उन्हें नहीं मिल पा रही हैं। अतः इन बीमारियों पर विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा लिखित पुस्तकों का महत्त्व अभी भी बरकरार है। इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए विशेषज्ञ डॉ. प्रेमचंद्र स्वर्णकार द्वारा संक्रामक रोगों के बारे में प्रायः समस्त बातें बतलाते हुए इस पुस्तक की रचना की गई है।
विश्‍वास है, सुधी पाठक पुस्तक का अध्ययन-मनन कर संक्रामक रोगों से बचाव करने में सक्षम होंगे।

The Author

Dr. Premchandra Swarnkar

डॉ. प्रेमचंद्र स्वर्णकार 
शिक्षा : बी.एस-सी., एम.बी.बी.एस., एम.डी. (पैथोलॉजी)।
प्रकाशन : ‘नहीं, यह व्यंग्य नहीं है’, ‘मीटिंग चालू आहे’ (व्यंग्य-संग्रह), ‘टुकड़ा-टुकड़ा सच’ (लघुकथा-संग्रह)। हिंदी में एड्स पर लिखी प्रथम पुस्तक ‘महारोग एड्स’ अत्यंत चर्चित हुई। इसके अलावा चिकित्सा विज्ञान पर 30 पुस्तकें एवं 15 पुस्तिकाएँ प्रकाशित। हिंदी भाषा में चिकित्सा विज्ञान की महत्त्वपूर्ण जानकारियाँ आम लोगों तक पहुँचाने के उद्देश्य से स्वास्थ्य-शिक्षण का भी कार्य। अब तक स्वास्थ्य संबंधी लगभग 2000 लेख प्रकाशित। समाज सेवा में भी रुचि।
पुरस्कार-सम्मान : अब तक प्रकाशित पुस्तकों पर ग्यारह राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त। ‘महारोग एड्स’ एवं ‘रोगों से कैसे बचें’ नामक पुस्तकों पर दो बार ‘डॉ. मेघनाद साहा राष्ट्रीय पुरस्कार’। इसके अलावा राजभाषा विभाग का ‘आर्यभट्ट पुरस्कार’ एवं तीन बार मौलिक लेखन के लिए मान. राष्ट्रपतिजी द्वारा सम्मानित।
संप्रति : पूर्व प्रथम श्रेणी चिकित्सा विशेषज्ञ, म.प्र. स्वास्थ्य सेवाएँ। म.प्र. लेखक संघ, दमोह इकाई के पूर्व अध्यक्ष, हेल्थ और न्यूट्रिशन पत्रिका, मुंबई के विशेषज्ञ सलाहकार।

 

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