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Samyavad Ka Sach   

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Author Satish Chandra Mittal
Features
  • ISBN : 9789386001238
  • Language : Hindi
  • ...more

More Information

  • Satish Chandra Mittal
  • 9789386001238
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 2016
  • 176
  • Hard Cover

Description

प्रस्तुत ग्रंथ में भारत के प्रमुख नेताओं—महात्मा गांधी, पं. जवाहरलाल नेहरू, नेताजी सुभाषचंद्र बोस, डॉ. अंबेडकर, श्री जयप्रकाश नारायण, डॉ. राममनोहर लोहिया, श्री माधवराव सदाशिवराव गोलवलकर ‘गुरुजी’ तथा पं. दीनदयाल उपाध्याय— के साम्यवाद से संबद्ध विचारों का गहराई से विश्लेषण किया गया है। वस्तुतः इन भारतीय जन-नेताओं ने साम्यवाद की दोगली नीतियों तथा व्यवहार को बेनकाब किया है।
देश के जागरूक एवं राष्ट्र-प्रेमी पाठकों के लिए यह एक संग्रहणीय ग्रंथ है।

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अनुक्रम

अध्याय : एक

भारत में साम्यवादी नेतृत्व की भूमिका —Pgs. 9

अध्याय : दो

महात्मा गांधी (1869-1948) —Pgs. 21

अध्याय : तीन

पं. जवाहरलाल नेहरू (1889-1964) —Pgs. 39

अध्याय : चार

नेताजी सुभाषचंद्र बोस (1897-1945?) —Pgs. 63

अध्याय : पाँच

डॉ. भीमराव अंबेडकर (1891-1956) —Pgs. 81

अध्याय : छह

लोकनायक जयप्रकाश नारायण (1902-1979) —Pgs. 99

अध्याय : सात

डॉ. राम मनोहर लोहिया (1910-1967) —Pgs. 115

अध्याय : आठ

श्री माधवराव सदाशिवराव गोलवलकर (1906-1973) —Pgs. 128

अध्याय : नौ

पं. दीनदयाल उपाध्याय (1916-1965) —Pgs. 150

उपसंहार —Pgs. 166

संदर्भ सूची —Pgs. 171

The Author

Satish Chandra Mittal

प्रोफेसर सतीश चंद्र मित्तल (जन्म 1938) एक प्रसिद्ध इतिहासकार तथा कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय, कुरुक्षेत्र में आधुनिक भारतीय इतिहास के वरिष्ठ प्रोफेसर रहे हैं। वे तीन दर्जन से अधिक पुस्तकों के लेखक हैं तथा विभिन्न विख्यात पत्र-पत्रिकाओं में उनके लगभग 500 लेख प्रकाशित हुए हैं। अंग्रेजी भाषा में कुछ महत्त्वपूर्ण रचनाएँ हैं—फ्रीडम मूवमेंट इन पंजाब (1905-1929); सोर्सेज ऑन नेशनल मूवमेंट इन इंडिया (1919-1920); हरियाणा : ए हिस्टॉरिकल पर्सपैक्टिव (1761-1966); ए सिलेक्टेड अनोटेटेड बिब्लियोग्राफी ऑन फ्रीडम मूवमेंट इन इंडिया : पंजाब एंड हरियाणा (1858-1947) व इंडिया डिस्टॉर्टेड : ए स्टडी ऑफ ब्रिटिश हिस्टॉरियंस ऑन इंडिया (तीन भाग)। कुछ प्रसिद्ध हिंदी पुस्तकें हैं—भारत में राष्ट्रीयता का स्वरूप (प्रारंभ से मुसलिम काल तक); भारत का स्वाधीनता संग्राम, ब्रिटिश इतिहासकार तथा भारत, 1857 की महान् क्रांति का विश्व पर प्रभाव; स्वामी विवेकानंद की इतिहास दृष्टि, साम्यवाद का सच, भारतीय नारी : अतीत से वर्तमान तक, विश्व में साम्यवादी साम्राज्यवाद का उत्थान एवं पतन, मुसलिम शासन और भारतीय जनसमाज; कांग्रेस : अंग्रेज भक्ति से राजसत्ता तक एवं हिंदुत्व से प्रेरित विदेशी महिलाएँ।
संप्रति : भारतीय इतिहास संकलन योजना के राष्ट्रीय अध्यक्ष।

 

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