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Sambodhan Ke Sopan   

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Author JRD TATA
Features
  • ISBN : 9788173155994
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1st
  • ...more
  • Kindle Store

More Information

  • JRD TATA
  • 9788173155994
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1st
  • 2011
  • 264
  • Hard Cover

Description

विश्‍व के प्रतिष्‍ठित उद्योगपतियों में एक जे.आर.डी. टाटा नागरिक उड्डयन से लेकर परमाणु ऊर्जा तक की भारतीय प्रगति में अग्रणी भूमिका निभानेवाले और भारत को इन दोनों क्षेत्रों में आत्मनिर्भर एवं संपन्न बनानेवाले महान् व्यक्‍तित्व थे। वे लगभग चार दशकों तक टाटा आयरन एंड स्टील कंपनी के चेयरमैन रहे और इस्पात उद्योग से अत्यंत निकटता से जुड़े रहे। उन्होंने देश में सौंदर्य-प्रसाधन, रसायन और इलेक्ट्रॉनिक्स से लेकर जेनेटिक्स तक सभी क्षेत्रों में विकास कार्यों पर बल दिया।
प्रस्तुत पुस्तक में पचास वर्षों से भी अधिक कालखंड में उनके द्वारा दिए गए वक्‍तव्यों और व्याख्यानों के महत्त्वपूर्ण अंशों को संगृहीत किया गया है। इसमें जे.आर.डी. ने अपने जीवन की महत्त्वपूर्ण घटनाओं का ब्योरा प्रस्तुत किया है और आर्थिक मामलों, उद्योग, नियोजन एवं मानवीय संबंधों, जनसंख्या-विस्फोट और शासन की राष्‍ट्रपतीय प्रणाली जैसे विभिन्न विषयों पर अपने विचार प्रस्तुत किए हैं। साथ ही इक्कीसवीं शताब्दी की संभावित राजनीतिक-सामाजिक स्थिति पर अपनी चिंतनपरक दृष्‍टि भी डाली है।

The Author

JRD TATA

जन्म : 29 जुलाई, 1904 को पेरिस में।
सन् 1909 में बंबई के कैथेड्रल स्कूल में शिक्षा प्रारंभ। 1923 में एक वर्ष तक इंग्लैंड के ‘क्रैमर’ स्कूल में शिक्षा प्राप्‍त की।
टाटा समूह में निदेशक (1926) तथा टाटा संस के अध्यक्ष नियुक्‍त (1938)। एयर इंडिया इंटरनेशनल के अध्यक्ष रहे।
सम्मान : नेशनल एसोसिएशन ऑफ फोरमेन, मिलावॉकी द्वारा ‘इंटरनेशनल मैनेजमेंट मैन’ चुने गए; फ्रांस सरकार द्वारा ‘ऑफीसर ऑफ द लेजन ऑफ ऑनर’ नामित; भारत सरकार द्वारा ‘पद्म विभूषण’ सम्मान; ऑर्डर ऑफ सेंट ग्रेगरी द ग्रेट की ‘नाइट कमांडर’ की उपाधि (पोप सम्मान); भारतीय वायुसेना में मानद एयर कमांडर तथा मानद एयर वाइस मार्शल बनाए गए; जर्मनी के ‘नाइट कमांडर्स क्रॉस ऑफ ऑर्डर’ से सम्मानित; बंबई विश्‍वविद्यालय द्वारा ‘डॉक्टर ऑफ लॉ’ की मानद उपाधि। इंटरनेशनल सिविल एविएशन ऑर्गेनाइजेशन से ‘एडवर्ड वार्नर अवार्ड’ प्राप्‍त; ‘डेनियल गगेनहेम मेडल’, ‘दादाभाई नौरोजी स्मृति सम्मान’ तथा भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्‍न’ से सम्मानित (1992)।
निधन : 29 नवंबर, 1993 को जिनेवा में।

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