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Rang-Birangi Kahaniyan

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Author Ruskin Bond
Features
  • ISBN : 9789350481295
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 2012
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  • Kindle Store

More Information

  • Ruskin Bond
  • 9789350481295
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 2012
  • 2016
  • 144
  • Hard Cover
  • 290 Grams

Description

और फिर एक दिन हमारे हाउस मास्टर मि. फिशर के हाथ मेरी महान् साहित्यिक कृति 'नौ महीने’ लग गई, और वे उसे अपने साथ ले गए। जैसा उन्होंने बाद में बताया कि उन्होंने उसे आद्योपांत पढ़ा। चूँकि उन दिनों कॉरपोरल सजा का रिवाज था। बेंत से मेरी छह बार धुनाई हुई और मेरी पांडुलिपि फाड़कर मि. फिशर की रद‍्दी की टोकरी के हवाले कर दी गई।
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इस माया को तोडऩे के लिए राजकुमार को कुछ करना पड़ेगा, क्योंकि मा एंगे को इस बात से बहुत खीज हो रही थी कि उसका पति दिन में सर्प हो जाता है और रात में एक राजकुमार। उसने कहा कि उसे अच्छा लगता, यदि वह दिन में भी राजकुमार के रूप में रहता। अपनी माता की तरह उसमें भी व्यापार-क्षमता थी। उसी ने इस मायाजाल जादू को तोडऩे में मदद की।
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पर वह गलत था। हवाई जहाज बहुत नीचे उड़ रहे थे। जब मैंने ऊपर देखा तो जापानी फाइटर-प्लेन की भयानक छाया सूरज की रोशनी में दिखाई दी। अभी हम मुश्किल से पचास गज गए थे कि हमारे दाएँ हाथ के कुछ घरों के पीछे जोर से धमाका हुआ। इसके धक्के में हम साइकिल पर से सड़क पर चारों खाने चित गिर पड़े। इस धक्के से साइकिल वेग से दीवार से जा टकराई।
रस्किन बॉण्ड की लेखनी के कुछ रंग-बिरंगे मोतियों की माला है यह पुस्तक, जिसमें व्यंग्य, रहस्य-रोमांच और हिम्मत की रंगीन छटा सिमटी हुई है। सबको समान रूप से लुभानेवाली रोचक कहानियों का संकलन।

The Author

Ruskin Bond

जन्म 19 मई, 1934 को हिमाचल प्रदेश के कसौली में हुआ था। बचपन में ही मलेरिया से इनके पिता की मृत्यु हो गई, तत्पश्‍चात् इनका पालन-पोषण शिमला, जामनगर, मसूरी, देहरादून तथा लंदन में हुआ। इनकी रचनाओं में हिमालय की गोद में बसे छोटे शहरों के जन-जीवन की छाप स्पष्‍ट है। इक्कीस वर्ष की आयु में ही इनका पहला उपन्यास ‘द रूम ऑन रूफ’ (The Room on Roof) प्रकाशित हुआ। इसमें इनके और इनके मित्र के देहरा में रहते हुए बिताए गए अनुभवों का लेखा-जोखा है। भारतीय लेखकों में बॉण्ड विशिष्‍ट स्थान रखते हैं। उपन्यास तथा बाल साहित्य की इनकी रचनाएँ अत्यंत लोकप्रिय हुई हैं। साहित्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए भारत सरकार ने 1999 में इन्हें ‘पद्मश्री’ से सम्मानित किया।

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