Prabhat Prakashan, one of the leading publishing houses in India eBooks | Careers | Events | Publish With Us | Dealers | Download Catalogues
Helpline: +91-7827007777

Pustakalaya Vargikaran Siddhant   

₹300

Out of Stock
  We provide FREE Delivery on orders over ₹1500.00
Delivery Usually delivered in 5-6 days.
Author Pandeya S.K. Sharma
Features
  • ISBN : 8185829578
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1st
  • ...more

More Information

  • Pandeya S.K. Sharma
  • 8185829578
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1st
  • 2016
  • 240
  • Hard Cover

Description

प्रस्तुत पुस्तक में पुस्तकालय वर्गीकरण सिद्धांत के विभिन्न पक्षों का सरल हिंदी भाषा में विवरण उपस्थित किया गया है । वर्गीकरण को पुस्तकालय की आधारशिला माना गया है । वर्गीकरण तथा वर्गीकरण प्रणालियों के निर्माण का कार्य पहले व्यावहारिक ज्ञान और परंपरागत अनुभव के आधार पर संपन्न किया जाता था । इस कार्य के लिए पहले किसी सुप्रतिपादित सिद्धांत का प्रत्यक्ष सहारा नहीं लिया जाता था । उदाहरणस्वरूप; अपने प्रारंभिक रूप में डेसिमल वर्गीकरण प्रणाली तथा लाइब्रेरी ऑफ कांग्रेस वर्गीकरण प्रणाली का निर्माण किन्हीं ठोस सिद्धांतों के आधार पर नहीं किया गया था । परंतु बाद में यह महसूस किया गया कि ज्ञान-जगत् के गहन अध्ययन एवं सुप्रतिपादित सिद्धांतों के अभाव में निर्मित कोई वर्गीकरण पद्धति ज्ञान-जगत् के दबाव को सहन करने में सक्षम नहीं हो सकती । वस्तुत: नई वर्गीकरण प्रणालियों के निर्माण तथा वर्तमान वर्गीकरण प्रणालियों के संशोधन के लिए पुस्तकालय वर्गीकरण के सिद्धांतों का अध्ययन अत्यंत आवश्यक है । यह अध्ययन वर्गीकरण प्रणाली प्रणेताओं तथा वर्गीकारों-दोनों के लिए समान रूप से महत्त्वपूर्ण है । प्रस्तुत पुस्तक में वर्गीकरण सिद्धांत के विभिन्न पक्षों; यथा-ज्ञान एवं विषय-जगत् की प्रकृति, विषय निर्माण की विधियाँ, वर्गीकरण की प्रणालियाँ एवं उनकी प्रजातियाँ सामान्य एकल, वर्गीकरण की युक्‍त‌ियाँ आदि का समीचीन विवरण प्रस्तुत किया गया है । इसका अध्ययन पुस्तकालय विज्ञान के शिक्षार्थियों के लिए अत्यंत लाभदायक सिद्ध होगा ।

The Author

Pandeya S.K. Sharma

डॉ. पांडेय सूरज कांत शर्मा ने पुस्तकलय विज्ञान की शिक्षा पटना, दिल्ली तथा पंजाब विश्‍‍वविद्यालयों (एम. लिब. एस-सी., पी- एच.डी.) से प्राप्‍त की । इसके अतिरिक्‍त उन्होंने राँची विश्‍‍वविद्यालय से हिंदी साहित्य में एम.ए. तथा पी-एच.डी. की उपाधियाँ प्राप्‍त कीं । पुस्तकालय विज्ञान की पत्रिकाओं में प्रकाशित प्रतिवेदनों के अनुसार डी. पांडेय भारत में पुस्तकालय विज्ञान में पी-एच.डी. करनेवाले द्वितीय तथा दो विषयों में पी- एच.डी. (हिंदी तथा पुस्तकालय विज्ञान) करनेवाले प्रथम पुस्तकालय विज्ञानी हैं ।
उनकी लगभग एक दर्जन पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं तथा पुस्तकालय विज्ञान से संबंधित उनके लेख देश- विदेश की पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहते हैं । वह पुस्तकालय तथा पुस्तकालय विज्ञान पर गठित अनेक अखिल भारतीय समितियों के सदस्य रहे हैं ।
डॉ. पांडेय राजा राममोहन राय पुस्तकालय प्रतिष्‍ठान, कलकत्ता में क्षेत्र पदाधिकारी (फील्ड ऑफीसर), आगरा व‌ि‍श्‍वविद्यालय में रीडर तथा अध्यक्ष ( पुस्तकाल्‍य विज्ञान विभाग) और विश्‍‍वविद्यालय अनुदान आयोग (यू.जी.सी.) में पुस्तकालयाध्यक्ष, योजना आयोग में मुख्य पुस्तकालयाध्यक्ष एवं प्रलेखन अधिकारी तथा इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में प्रोफेसर के वेतनमान में पुस्तकालयाध्यक्ष के रूप में वर्षों कार्य कर चुके हैं ।
संप्रति : ‌व‌िश्‍वविद्यालय अनुदान आयोग में वरिष्‍ठ पुस्तकालय एवं सूचना अधिकणि ।

Customers who bought this also bought

WRITE YOUR OWN REVIEW