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Purushottam Parashuram   

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Author Pt. Vijay Shankar Mehta
Features
  • ISBN : 9789351868279
  • Language : Hindi
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  • Kindle Store

More Information

  • Pt. Vijay Shankar Mehta
  • 9789351868279
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 2019
  • 104
  • Hard Cover

Description

पृथ्वी पर जब-जब अधर्म ने अपना अधिक प्रभाव दिखाया, तब-तब कुछ दिव्यात्माओं ने अपनी लीला दिखाई। भगवान् विष्णु के दस अवतारों में भगवान् परशुराम को भी एक माना जाता है। वे महर्षि जमदग्नि और रेणुका के पुत्र थे। राजा कार्तवीर्य, जिसे सहस्रार्जुन भी कहा गया है, ने एक बार जमदग्निजी के आश्रम पर आक्रमण करके कामधेनु गाय का अपहरण किया। परशुरामजी ने सहस्रार्जुन से युद्ध किया और दंड-स्वरूप उसका वध कर दिया। सहस्रार्जुन के पुत्रों ने परशुरामजी की अनुपस्थिति में आश्रम पर आक्रमण कर उनके पिता जमदग्निजी की हत्या कर दी थी।
इस विराट् व्यक्तित्व पर यह नाटक इसीलिए तैयार किया जा रहा है कि उनके उद्देश्यों को हम आज भी अपने निजी, पारिवारिक और राष्ट्रीय जीवन में उतार सकें। प्रयास यही किया गया है कि इनके चरित्र से संबंधित घटनाएँ शास्त्रों के आधार पर प्रामाणिक रहें। किंतु अलग-अलग शास्त्रों और साहित्य में घटनाओं के वर्णन में भिन्नता है। यह नाट्य-साहित्य केवल शोध की दृष्टि से तैयार नहीं किया गया है वरन् इसका उद्देश्य है, परशुरामजी के अद्भुत व्यक्तित्व को आज के हमारे जीवन से जोड़ना। 
पुरुषोत्तम परशुराम के अनुपमेय जीवन का सांगोपांग दर्शन कराती 
पठनीय पुस्तक।

 

The Author

Pt. Vijay Shankar Mehta

नई दृष्टि और अद्भुत वाक्-शैली के साथ धर्म व अध्यात्म पर व्याख्यान के लिए देश और दुनिया में जाने जाते हैं पं. विजयशंकर मेहता। वर्ष 2004 से अब तक 75 विषयों पर लगभग 3,000 व्याख्यान दे चुके हैं। 20 वर्ष रंगकर्म-पत्रकारिता में बिताने के बाद 12 वर्षों से आध्यात्मिक विषयों पर व्याख्यान का लोकप्रिय सिलसिला जीवन से जोड़ते हुए नई दृष्टि से श्रीमद्भागवत, श्रीरामकथा, शिवपुराण तथा हनुमत-चरित्र पर कथा कह रहे हैं। युवाओं के बीच ‘मेरा प्रबंधक मैं’ जैसे विचार के लिए लगातार आमंत्रित। ‘दैनिक भास्कर’ के ‘जीने की राह’ कॉलम के लेखक के रूप में खूब पढ़े जा रहे हैं।
प्रतिवर्ष देश के पाँच प्रमुख शहरों— रायपुर, इंदौर, जयपुर, डोंबिवली एवं राँची में श्री हनुमान चालीसा के सवा करोड़ जप के आयोजन में देश-दुनिया के लोग सहभागिता करते हैं।
94.3 माई एफएम रेडियो पर प्रतिदिन सुबह 6-7 बजे जीवन प्रबंधन के सूत्रों के साथ पंडितजी को सुना जा सकता है।
जीवन प्रबंधन समूह के पाँच उद्देश्यों को लेकर हर वर्ग के बीच जा रहे हैं—1. हनुमान चालीसा मंत्र बने, 2. हनुमानजी माताओं-बहनों के जीवन में उतरें, 3. हनुमानजी युवाओं के रोल मॉडल बनें, 4. पूजा-पाठ से पाखंड हटाना, 5. परिवार बचाओ अभियान।

 

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