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Nitish Kumar aur Ubharta Bihar

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Author Arun Sinha
Features
  • ISBN : 9789350482803
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1st
  • ...more
  • Kindle Store

More Information

  • Arun Sinha
  • 9789350482803
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1st
  • 2015
  • 376
  • Hard Cover
  • 675 Grams

Description

‘नीतीश कुमार और उभरता बिहार’ में वरिष्‍ठ पत्रकार अरुण सिन्हा ने विपरीत परिस्थितियों में बिहार का शासन सँभालने वाले नीतीश बाबू की उस कर्मठ एवं जुझारू कार्यशैली का बेबाक वर्णन किया है, जिसने बिहार को एक नई दिशा दी, एक नई पहचान दी। उन्होंने बिहार के सामाजिक और राजनीतिक परिवेश में नीतीश कुमार के उदय की कहानी बताई है और 1960 के दशक के आखिर से शुरू हुए समतावादी आंदोलनों तथा इनके फलस्वरूप 1990 में हुए सत्ता-परिवर्तन का विस्तार से वर्णन किया है।
नीतीश कुमार शुरू में लालू प्रसाद यादव के साथ भी रहे, लेकिन बाद में उन्होंने अस्मिता की राजनीति को खारिज करते हुए यह महसूस किया कि बिहार को आगे बढ़ना है तो जाति की राजनीति से ऊपर उठना होगा।
इस ग्रंथ में भारतीय राजनीति का स्पष्‍ट और गहन अध्ययन है। इसमें राजनीतिक नाटकबाजी को सामने लाया गया है तथा राज्य के उथल-पुथल भरे सफर की कड़वी सच्चाई और गहन अध्ययन को प्रस्तुत किया गया है। अरुण सिन्हा ने बिहार की राजनीति की जटिलता के बीच नीतीश कुमार के उदय और कानून-व्यवस्था, सड़क, शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में सुधार करने को विस्तार से समझाया है। सामंतवाद से जातीय अस्मिता और अंततः विकास के पथ पर आकर बिहार ने भारत की स्वतंत्रता के बाद की यात्रा में स्वयं को आदर्श साबित किया है।
नीतीश बाबू के नेतृत्व में बिहार की राजनीति एवं वहाँ हो रहे ताजा विकास को जानने-समझने में सहायक एक उपयोगी पुस्तक।

The Author

Arun Sinha

जन्म : पटना, 1953 में।
शिक्षा : पटना विश्‍वविद्यालय से इंजीनियरिंग।
कृतित्व : पत्रकारिता का कॅरियर इकोनॉमिक एंड पॉलिटिकल वीकली से प्रारंभ। इसके बाद इंडियन एक्सप्रेस, टाइम्स ऑफ इंडिया, पटना और मुंबई में फ्री प्रेस जर्नल में काम किया।
1983 में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में रिसर्च करनेवाले राइटर्स फाउंडेशन के पहले भारतीय फैलो बने। पहली पुस्तक ‘अगेंस्ट द फ्यू : स्ट्रगल्स ऑफ इंडियाज रूरल पुअर’ लिखी। धारावाहिक ‘भारत एक खोज’ में सहायक निर्देशक का काम भी किया। वर्तमान में ‘नवहिंद टाइम्स’, पणजी, गोवा के संपादक। एक उपन्यास ‘द हेडोनिस्ट एंपायर’, ‘स्वतंत्रता पश्‍चात् गोवा का आलोचनात्मक चित्रण’ तथा विद्वत्तापूर्ण लेख कई संग्रहों में प्रकाशित।

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