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Na Bhoolanewali 100 Kahaniyan   

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Author J.P. Vaswani
Features
  • ISBN : 9789351867531
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1
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  • Kindle Store

More Information

  • J.P. Vaswani
  • 9789351867531
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1
  • 2018
  • 216
  • Hard Cover

Description

दादा जे.पी. वासवानी हमेशा से उत्कृष्ट किस्सागो रहे हैं। उनकी अनौपचारिक वार्त्ताओं, प्रवचनों और पुस्तकों में भी पुराणों की कहानियाँ बहुतायत से बिखरी होती हैं, ताकि वे उन बातों को सुस्पष्ट कर सकें, जिन्हें वे चाहते हैं कि हम आत्मसात् कर लें। ये कहानियाँ इतनी यादगार हैं कि एक लंबे समय तक हमारे दिलों में बसी रहती हैं तथा उन संदेशों या जीवन-मूल्यों को हृदयंगम करने में हमारी मदद करती हैं, जिन्हें दादा ने इतने रचनात्मक रूप में हमारे सामने रखा है।
इस पुस्तक में, पूज्य दादा की वार्त्ताओं और पुस्तकों से चुनी हुई एक सौ कहानियाँ संगृहीत हैं। प्रत्येक कहानी के साथ आपके द्वारा मनन करने के लिए आदरणीय दादा का या उनका पसंदीदा विचार तथा एक पुस्तक के रूप में व्यावहारिक अभ्यास भी दिया गया है, जो दादा की अपनी विशेषता है, जिसका अनुसरण करके आप लाभान्वित हो सकते हैं। 
न भूलनेवाली एक सौ रोचक-ज्ञानवर्धक कहानियों का प्रेरणादायक संग्रह।

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अनुक्रम  
1. एक सूफी दरवेश की साक्षी — 11 51. जीवन संघर्ष — 112
2. प्रधानमंत्री की प्रतीक्षा — 13 52. सफलता पाने का कोई सरल उपाय नहीं है — 114
3. उदारता का पुरस्कार — 15 53. खुशी चक्र की तरह घूमती है — 116
4. महामारी — 17 54. ईश्वर के पदचिह्न — 119
5. प्यार सीमाएँ नहीं जानता — 19 55. प्रेम की रूपांतरकारी शक्ति — 121
6. शिक्षक या राष्ट्रपति? — 21 56. प्रतिभा की कद्र करें — 123
7. दुःख मन को निर्मल करता है — 23 57. सच्चे सुख का रहस्य — 125
8. सड़े हुए सेबों का उपयोग — 25 58. सच्ची संपदा — 127
9. ओक या कुम्हड़ा — 27 59. कभी, कभी, कभी हार न मानें — 129
10. दो से खुशी — तीन से लुटी — 29 60. कभी बुरा न मानें — 131
11. जो काम करना है, उसे कर लें — 31 61. ऐसी शक्ति — जिसका नाम ईश्वर है — 133
12. नारियल जिसे तोड़ा न जा सका — 33 62. जब गांधी का मन द्रवित हुआ — 135
13. जैसा करोगे वैसा भरोगे — 35 63. उसकी खातिर — 137
14. बस पाँच मिनट से ज्यादा नहीं! — 37 64. धन्य हैं वे, जो क्षमा कर देते हैं — 140
15. ला गार्डिया का फैसला — 39 65. ईश्वर की इच्छा सर्वोपरि — 142
16. खुद को आजाद करें — 41 66. प्रेम का चमत्कार — 144
17. सच्चा दोस्त कौन है? — 43 67. आपके राज्य का विस्तार कहाँ तक? — 146
18. सबसे बड़ी संपदा — 45 68. बस! अब बहुत हो चुका — 148
19. जीने की सच्ची कला — 47 69. एक शहंशाह ने कैसे सबक सीखा — 150
20. सरल रहस्य — 49 70. बाहरी दिखावा — 152
21. अनिवार्य यात्रा — 51 71. ईश्वर परोपकारी से प्यार करता है — 154
22. ईश्वर प्रेम की खातिर काम करें — 53 72. अपना काम अच्छी तरह करो — 156
23. राष्ट्र के लिए बलिदान — 55 73. एक अनुपम उदाहरण — 158
24. माँ, मुझे आपकी जरूरत है — 57 74. महान् व्यक्ति सादगी से भरे होते हैं — 160
25. असंभव बना संभव — 59 75. मेरा खजाना स्वर्ग में है — 162
26. पोल्की की तरह संवेदनशील — 61 76. माता-पिता ध्यान दें — 164
27. मैं खुश हूँ कि मैं अनपढ़ हूँ — 63 77. सर्वश्रेष्ठ मित्र — 166
28. ततः किम? (फिर क्या?) — 65 78. उसने अपने दिमाग से काम लिया — 168
29. सर्वोत्तम को उजागर करें — 67 79. सर्वोत्तम विरासत — 170
30. राजा ने नौकर से माफी माँगी — 69 80. परम सुख — 172
31. उसने अपना लक्ष्य तय कर लिया — 71 81. बच्चे मन के सच्चे — 174
32. आध्यात्मिक जीवन का आधार — 73 82. सुंदरता देखनेवाले की आँखों में — 176
33. चलते रहो — 75 83. क्षमा करें और भूल जाएँ — 178
34. ईश्वर सबका ध्यान रखता है! — 77 84. आशावादी — 180
35. सफलता का रहस्य — 79 85. विधवा का योगदान — 182
36. किसी को हल्के में न लें — 81 86. होंडा की लक्ष्य प्राप्ति — 184
37. भगवान् कभी नहीं सोते — 83 87. सुरक्षित आगमन — 186
38. चौरानबे की आयु में ब्वॉयफ्रेंड्स! — 85 88. प्रत्येक वही देता है, जो उसके पास है — 188
39. दि मूनलाइट सोनाटा — 87 89. एक बच्चे की शिकायत — 190
40. सुखी विवाहित जीवन का रहस्य — 89 90. दोनों एक समान — 192
41. सहृदयता का सूचकांक — 91 91. देने का आनंद — 194
42. ईश्वर के हाथों में सुरक्षित — 93 92. जीवन का उद्देश्य — 196
43. हँसी में उड़ा दें — 95 93. प्रशंसा करो! — 198
44. मौत का सामना — 97 94. शिष्टाचार का महत्त्व — 200
45. ईश्वर पर छोड़ दें — 99 95. ‘मैं’ का भाव त्यागो — 202
46. वर्तमान में जीएँ — 101 96. बुद्धिमत्ता प्रतिभा से बेहतर है — 204
47. समय प्रबंधन — 103 97. हम हमेशा देर से जागते हैं — 206
48. जन प्रबंधन — 105 98. पहले आग बुझाइए — 208
49. गीता का सार — 107 99. जीसस बेहतर जानते थे — 210
50. सर्वाधिक ज्ञानी व्यक्ति — 110 100. डबलरोटी पत्थर बन गई — 212

The Author

J.P. Vaswani

दादा जे.पी. वासवानी भारत के सर्वाधिक सम्मानित आध्यात्मिक विभूतियों में से एक हैं। वे प्रसिद्ध साधु वासवानी मिशन के प्रमुख संचालक हैं, जो कि एक अंतरराष्ट्रीय, लाभ-निरपेक्ष, समाज कल्याण और सेवा से जुड़ा संगठन है। इसका मुख्यालय पुणे में है और दुनिया भर में इसके कई सक्रिय केंद्र हैं। 
2 अगस्त, 1918 को हैदराबाद-सिंध में जन्मे दादा एक बहुत होनहार छात्र थे, जिन्होंने सुनहरा शैक्षणिक कॅरियर छोड़कर आज के बेहद सम्मानित संत, अपने चाचा और गुरु साधु वासवानी के प्रति अपना जीवन समर्पित कर दिया। 
शाकाहार के प्रबल समर्थक दादा ने गुरुदेव साधु वासवानी के रास्ते पर चलते हुए, सभी जीवों के प्रति सम्मान के संदेश को फैलाना ही अपने जीवन का उद्देश्य बना लिया। उनके प्रेरक नेतृत्व में साधु वासवानी मिशन ने आध्यात्मिक प्रगति, शिक्षा, चिकित्सा, महिला सशक्तीकरण, ग्रामोत्थान, राहत और बचाव, पशु कल्याण, ग्रामीण विकास तथा समाज के वंचित वर्गों की सेवा के विभिन्न सेवा-कार्यक्रमों के लिए निरंतर गंभीर और प्रबल काम किए हैं। दादा अपने गुरु के इन शब्दों पर दृढ विश्वास करते हैं—‘निर्धनों की सेवा ही ईश्वर सेवा है।’
विनोदप्रिय वक्ता और प्रेरक लेखक दादा ने सौ से ज्यादा पुस्तक-पुस्तिकाएँ लिखी हैं और 98 वर्ष की उम्र में भी उनकी ऊर्जा और उत्साह किसी युवा से कम नहीं हैं। आध्यात्मिक गुरु, शिक्षाविद् और दार्शनिक दादा जे.पी. वासवानी भारत के ज्ञान और वैश्विक भावना के सच्चे और आदर्श प्रतिरूप हैं।ष्

 

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