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Media : Mahila, Jati aur Jugad   

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Author Sanjay Kumar
Features
  • ISBN : 9789386300980
  • Language : Hindi
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More Information

  • Sanjay Kumar
  • 9789386300980
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 2017
  • 142
  • Hard Cover

Description

लोकतंत्र का चौथा स्तंभ मीडिया आरोपों के घेरे में है। स्तंभ की जड़ में जाति, महिला व जुगाड़नुमा दीमक के लगने से यह भ्रष्टाचार के चंगुल में पूरी तरह से फँस चुका है। पत्रकारिता, मिशन से व्यवसाय और फिर सत्ता की गोद में बैठ गई है। सिद्धांतों को ताक पर रख जनता की भावनाओं से खुलेआम खेलने का काम जारी है।
मीडिया पर जाति-पे्रम के साथ-साथ महिला-पे्रमी होने का आरोप लगता रहा है। मीडिया के अंदर महिलाओं के साथ होनेवाला व्यवहार चौंकाता है। 
भारतीय मीडिया कितना जातिवादी है, इसका खुलासा मीडिया के राष्ट्रीय सर्वे से साफ हो चुका है। 90 प्रतिशत से भी ज्यादा द्विजों के मीडिया पर काबिज होने के सर्वे ने भूचाल ला दिया था। 
भारतीय जीवन में ‘जुगाड़’ एक ऐसा शब्द है, जिससे हर कोई वाकिफ है। इस शब्द से मीडिया भी अछूता नहीं है। इसका प्रभाव यहाँ भी देखा जाता है। जुगाड़, यानी जान-पहचान या संबंध जोड़कर मीडिया में घुसपैठ। इससे योग्यता व अयोग्यता का सवाल खड़ा होता है। जुगाड़ के राजपथ पर योग्यता और अयोग्यता के पथ्य पीछे छूट जाते हैं।

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अनुक्रम

अपनी बात — 5

1. आईने में अपना चेहरा भी देखे मीडिया — 11

2. और मैंने पत्रकारिता छोड़ दी — 20

3. यौन उत्पीड़न : या हैं ‘विशाखा दिशा-निर्देश’ — 26

4. पत्रकारिता के शीर्ष पद पर महिलाएँ — 34

5. मीडिया में जाति का खेल — 38

6. दलित मीडिया एडवोकेसी — 50

7. मीडिया में दलित आंदोलन के लिए जगह नहीं! — 55

8. कहाँ से आएँगे अच्छे पत्रकार — 62

9. ताकि नई पौध को मिले मौका — 70

10. लागा मीडिया में दाग — 76

11. मीडिया स्वामी, मीडिया ‘मुगल’ में तदील — 84

12. मीडिया नियमन या स्व-नियमन? — 88

13. सोशल नेटवर्किंग पर अभिव्यति की आजादी के मायने — 94

14. रियलिटी शो के नाम पर — 99

15. निजी जिंदगी में मीडिया का अतिवाद — 101

16. उदीयमान भारत के गाँवों से अछूता मीडिया — 105

17. कृषि समस्याएँ और मीडिया की भूमिका — 111

18. गुम होती जनपक्षीय पत्रकारिता — 115

19. सामाजिक न्याय और मीडिया — 118

20. माँझी : मीडिया व राजनीति — 123

21. निजी से बुरा नहीं सरकारी मीडिया — 128

22. संवाद सेतु सरकारी मीडिया — 132

23. मीडिया का इस्तेमाल कर रहा है आतंकवाद — 137

24. मानवाधिकार संरक्षण में मीडिया — 140

The Author

Sanjay Kumar

शिक्षा : स्नातक एवं पत्रकारिता में स्नातकोत्तर डिप्लोमा ।
प्रकाशन : 'तालों में ताले, अलीगढ़ के ताले', 'नागालैंड के रंग-बिरंगे उत्सव', 'पूरब का स्विट्जरलैंड:नागालैंड',  '1857:जनक्रांति के बिहारी नायक' एवं 'बिहार की पत्रकारिता:तब और अब' प्रकाशित।
आकाशवाणी से ढेरों वार्त्ताएँ प्रसारित और रेडियो नाटकों में भागीदारी। पत्र- पत्रिकाओं में ढेरों लेख, फीचर आदि प्रकाशित, स्थानीय समाचार -पत्र में उप-संपादक रहे; दर्जनों नुक्कड़ तथा मंच नाटकों में अभिनय एवं निर्देशन ।
पुरस्कार : 'नवोदित साहित्य सम्मान' सहित विभिन्न प्रतिष्ठित संस्थाओं द्वारा कई सम्मानों से सम्मानित।
संप्रति : आकाशवाणी के प्रादेशि समाचार एकांश, पटना में समाचार संपादक के पद पर कार्यरत ।
फोन : 9934293148 
ई-मेलक:sanju3feb@gamail.com

 

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