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Louis Braille   

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Author Pratyush Kumar
Features
  • ISBN : 9789380839585
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1
  • ...more
  • Kindle Store

More Information

  • Pratyush Kumar
  • 9789380839585
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1
  • 2017
  • 160
  • Hard Cover

Description


दो साल का एक बालक सुई से खेलते-खेलते अचानक अपनी बाईं आँख फुड़वा लेता है। उसकी एक आँख चली जाती है और संक्रमण के कारण चार साल की उम्र में उसकी दूसरी आँख भी चली जाती है और वह पूरी तरह नेत्रहीन हो जाता है। यह दर्दनाक कहानी सन् 1809 में फ्रांस में जनमे लुई ब्रेल की है।
नेत्र ज्योति खोने के बावजूद ब्रेल हताश नहीं हुआ। वह होशियार छात्र था। दस साल की आयु में उसे नेत्रहीन बच्चों के लिए स्थापित विश्व के पहले स्कूल नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर ब्लाइंड चिल्ड्रन, पेरिस में पढ़ाई के लिए स्कॉलरशिप मिली। 1821 में इंस्टीट्यूट में एक पूर्व सैनिक का भाषण हुआ। उसने बताया कि वे डॉट तकनीक से अँधेरे में भी संचार कर लेते थे। उसके इस भाषण से ब्रेल को नेत्रहीनों के लिए एक लिपि विकसित करने का आइडिया मिला। उसने जो लिपि ईजाद की, वह ‘ब्रेल लिपि’ के नाम से जानी जाती है और दुनिया भर में नेत्रहीनों की भाषा के रूप में प्रतिष्ठित है। इस लिपि में अनेक प्रसिद्ध पुस्तकें अनूदित हुई हैं। एक तरह से कहा जा सकता है कि ब्रेल का नेत्रहीन होना दुनिया भर के नेत्रहीनों के लिए वरदान बना।
अद्भुत परोपकारी और मानवता के अनन्य सेवक तथा दृष्टिहीनों की दुनिया में ज्ञान का प्रकाश फैलानेवाले लुई ब्रेल की प्रामाणिक जीवन-कथा।

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अनुक्रम

भूमिका—5

1. क्रांति के दौरान एक शादी—11

2. जन्म—14

3. एक छोटा सा सूआ—20

4. नई आवाजें और नए साथी—28

5. अबाबील और अंगूर की खेती—33

6. नेत्रहीन छात्रों के लिए किताबें नहीं हैं?—40

7. मुझे ढूँढ़नी होगी कोई तरकीब—48

8. या हमेशा मुझे पढ़ने के लिए दूसरों पर निर्भर रहना होगा?—55

9. छह उभरी हुई बिंदियाँ—60

10. अध्यापक—66

11. सफलताएँ-असफलताएँ—75

12. अंतिम चरण—83

13. स्मारक और प्रसिद्धि—90

14. लुई ब्रेल की स्मृति में हेलन केलर का भाषण—93

15. लुई ब्रेल के पदचिह्नों की खोज—95

16. लुई ब्रेल के पूर्ववर्ती वेलेंटीन हाए—100

17. लुई ब्रेल के पत्र—112

18. नेत्रहीनों की मार्गदर्शक हेलन केलर—115

19. कंप्यूटराइज्ड हो चुकी है लुई ब्रेल की वर्णमाला—117

20. ब्रेलर—119

21. नेत्रहीनों के लिए अंतरराष्ट्रीय छड़ी दिवस—121

22. बिंदियों वाली लिपि की संघर्ष कथा—123

23. विज्ञान बदल रहा है नेत्रहीनों की दुनिया—144

24. लुई ब्रेल : संक्षिप्त जीवनी—158

संदर्भ-ग्रंथ—160

The Author

Pratyush Kumar

प्रत्यूष कुमार
इतिहास लेखन में अभिरुचि। विगत वर्षों में महापुरुषों की जीवनियों को लेकर विपुल लेखन। संप्रति स्वतंत्र लेखन एवं शोध।

 

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