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Kusum Ansal ki Lokpriya Kahaniyan   

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Author Kusum Ansal
Features
  • ISBN : 9789386300379
  • Language : Hindi
  • ...more

More Information

  • Kusum Ansal
  • 9789386300379
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 2017
  • 184
  • Hard Cover

Description

 ‘‘तूमुझे हमेशा पागल लगी थी, गुल। बिना आगे-पीछे सोचे, समीर के प्यार में इतना डूब गई कि शिमला के ‘स्कैंडल प्वॉइंट’ से बिना माँ-बाप को बताए भाग गई, तेरे माँ-बाप कितना विरोध करते रहे, पर तुझ पर तो किसी फिल्मी मुहब्बत जैसा जुनून सवार था, समीर क्या था, क्या है? तेरे मुकाबले में...आज भी क्या है? कुछ बन पाया क्या?’’
‘‘प्रेम में आदमी पागल न हो तो वह प्रेम कैसा? विन्नी मैं तो जो भी करती हूँ, दिल के कहने पर ही करती हूँ, फिर मुझे हिसाब-किताब आता ही कहाँ है, जो समीर की हैसियत के जोड़-तोड़ निकालती...कन्वेंशनल शादी मेरे बस की बात नहीं थी, जो हेमा की तरह मैं भी पापा के ढूँढ़े हुए किसी अमीरजादे को सिर झुकाकर स्वीकार कर लेती।’’
‘‘हेमा कैसी है?’’
‘‘ठीक है, माँ की छोड़ी कोठी में अड्डा जमाए बैठी है। समीर ने उस पर कोर्ट केस किया है। मैं भी तो बराबर की हकदार हूँ, वह कहता है। हेमा यहाँ आती है, बगीचा और यह टूटा-फूटा घर भी हथियाना चाहती है। उसे भी लगता है मुन्नूजी? साल बीत रहे हैं न!’’
 —इसी संग्रह से


हिंदी की प्रसिद्ध लेखिका श्रीमती कुसुम अंसल के कहानियों के भावाकाश के कुछ झिलमिलाते सितारे संकलित हैं इस संग्रह में।

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अनुक्रम

दो-शद—7—

1. पानी का रंग—11

2. दास्ताने कबूतर—22

3. बस एक क्रॉस—30

4. मेरे आशिक का नाम—39

5. ई मुर्दन का गाँव—54

6. वह जिनावर—63

7. उत्क्रमण—71

8. गति—86

9. वह आया था—94

10. तुम्हारे मोहरे—103

11. ये हमारा मकान—116

12. गुम होती गौरैया—128

13. वर्षों पुरानी लालटेन—139

14. अखबार की वह खबर—172

The Author

Kusum Ansal

शिक्षा : अलीगढ़ मुसलिम विश्वविद्यालय से मनोविज्ञान में एम.ए.; ‘आधुनिक हिंदी उपन्यास में महानगरीय बोध’ विषय पर पंजाब विश्वविद्यालय से डॉक्टरेट की उपाधि।
रचना-संसार : अब तक 9 उपन्यास, 5 कविता-संग्रह, 5 कहानी-संग्रह, 4 यात्रा-वृत्तांत, लेखों आदि के साथ महिला कथाकारों में पहली आत्मकथा प्रकाशित। इनके उपन्यास पर ‘एक और पंचवटी’ नाम से फीचर फिल्म बनाई गई। दूरदर्शन के लिए भी तीन सीरियल लिखे— ‘तितलियाँ’, ‘इसी बहाने’ तथा ‘इंद्रधनुष’। ‘रेखाकृति’ तथा ‘उसके होंठों का चुप’ नाटक भी लिखे, जिनका फैजल अलकाजी के निर्देशन में दिल्ली-मुंबई-पुणे आदि में प्रदर्शन।
पुरस्कार : ‘हिंदी अकादमी पंजाबी’, ‘महादेवी पुरस्कार’, ‘साहित्यकार सम्मान’, ‘साहित्य भूषण’ सम्मान। ‘I.W.E.C.’ आईवेक (इंटरनेशनल वूमेंस चैलेंजस अवार्ड) दक्षिण अफ्रीका में तथा ‘आचार्य विद्यानिवास स्मृति सम्मान’, ‘राजीव गांधी एक्सीलेंस अवार्ड’, ‘पंजाब केसरी एचीवर्स अवार्ड’।

 

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