Prabhat Prakashan, one of the leading publishing houses in India eBooks | Careers | Events | Publish With Us | Dealers | Download Catalogues
Helpline: +91-7827007777

Kamyab Hona Hi Hai   

₹200

In stock
  We provide FREE Delivery on orders over ₹1500.00
Delivery Usually delivered in 5-6 days.
Author Pt. Vijay Shankar Mehta
Features
  • ISBN : 9789351868347
  • Language : Hindi
  • ...more
  • Kindle Store

More Information

  • Pt. Vijay Shankar Mehta
  • 9789351868347
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 2019
  • 120
  • Hard Cover

Description

‘कामयाब होना ही है’ विद्यार्थियों के लिए एक अत्यंत प्रेरक और मार्गदर्शक पुस्तक है। विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए केवल किताबी ज्ञान ही पर्याप्त नहीं है; बल्कि धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष का ज्ञान भी उतना ही आवश्यक है क्योंकि इन्हीं में सारे सांसारिक ज्ञान निहित हैं। इनका अनुसरण और अनुपालन कर प्रत्येक व्यक्ति सामाजिक, आर्थिक, धार्मिक, आध्यात्मिक, व्यावहारिक—हर स्तर पर मनचाही सफलता हासिल कर सकता है।
इस पुस्तक में विद्यार्थियों के शैक्षिक विकास के साथ-साथ मानसिक व भावनात्मक विकास हेतु छोटे-छोटे रोचक व प्रेरक प्रसंग दिए गए हैं, जो कथा-किस्सों के माध्यम से उनके सर्वांगीण विकास का मार्ग प्रशस्त करते हैं।
विद्यार्थियों के लिए एक उपयोगी और संग्रहणीय पुस्तक, जो जीवन के प्रत्येक कदम पर उनकी सभी समस्याओं व कठिनाइयों का त्वरित हल प्रस्तुत करने को सदैव तत्पर रहेगी।
सफलता के नए सोपान खोलनेवाली पठनीय प्रेरक पुस्तक।

______________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________

अनुक्रम

अपनी बात — 7

लेखकीय — 9

1. हम होंगे कामयाब — 13

2. भारतीय संस्कृति का छींटा — 18

3. बातों का मर्म और महव — 29

4. गुरु को कभी मत भूलिए — 34

5. काम का सही तरीका — 41

6. धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष — 48

7. जीवन में हनुमानजी से जुड़ाव — 60

8. प्रतिस्पर्धा की भावना — 72

9. सफल और समर्थ बनने की होड़ — 85

10. परिश्रम, पुरुषार्थ और पराक्रम — 94

11. छात्रों के लिए प्रेरक प्रसंग — 101

The Author

Pt. Vijay Shankar Mehta

नई दृष्टि और अद्भुत वाक्-शैली के साथ धर्म व अध्यात्म पर व्याख्यान के लिए देश और दुनिया में जाने जाते हैं पं. विजयशंकर मेहता। वर्ष 2004 से अब तक 75 विषयों पर लगभग 3,000 व्याख्यान दे चुके हैं। 20 वर्ष रंगकर्म-पत्रकारिता में बिताने के बाद 12 वर्षों से आध्यात्मिक विषयों पर व्याख्यान का लोकप्रिय सिलसिला जीवन से जोड़ते हुए नई दृष्टि से श्रीमद्भागवत, श्रीरामकथा, शिवपुराण तथा हनुमत-चरित्र पर कथा कह रहे हैं। युवाओं के बीच ‘मेरा प्रबंधक मैं’ जैसे विचार के लिए लगातार आमंत्रित। ‘दैनिक भास्कर’ के ‘जीने की राह’ कॉलम के लेखक के रूप में खूब पढ़े जा रहे हैं।
प्रतिवर्ष देश के पाँच प्रमुख शहरों— रायपुर, इंदौर, जयपुर, डोंबिवली एवं राँची में श्री हनुमान चालीसा के सवा करोड़ जप के आयोजन में देश-दुनिया के लोग सहभागिता करते हैं।
94.3 माई एफएम रेडियो पर प्रतिदिन सुबह 6-7 बजे जीवन प्रबंधन के सूत्रों के साथ पंडितजी को सुना जा सकता है।
जीवन प्रबंधन समूह के पाँच उद्देश्यों को लेकर हर वर्ग के बीच जा रहे हैं—1. हनुमान चालीसा मंत्र बने, 2. हनुमानजी माताओं-बहनों के जीवन में उतरें, 3. हनुमानजी युवाओं के रोल मॉडल बनें, 4. पूजा-पाठ से पाखंड हटाना, 5. परिवार बचाओ अभियान।

 

Customers who bought this also bought

WRITE YOUR OWN REVIEW