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Jeena Sikhati hai Ramkatha   

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Author Pt. Vijay Shankar Mehta
Features
  • ISBN : 9789351868323
  • Language : Hindi
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  • Kindle Store

More Information

  • Pt. Vijay Shankar Mehta
  • 9789351868323
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 2021
  • 224
  • Hard Cover

Description

रामचरितमानस का दर्शन, इसकी फिलॉसफी, इसके विचार, सिद्धांत, नीति, शब्दों का गठन सबकुछ अद्भुत 
है। कहते हैं, जिस समय तुलसीदासजी 
ने रामचरितमानस लिखी, उनके दो ही सहारे थे—एक राम और दूसरे हनुमान। हनुमानजी उनका प्रमुख सहारा थे, गुरु 
थे उनके।
जब रामचरितमानस लिखना आरंभ किया तो कहते हैं, रामचरितमानस के प्रत्येक दृश्य, प्रत्येक चौपाई, दोहा, सोरठा, छंद को तुलसीदासजी ने लिखा था। हनुमानजी रामकथा का एक-एक दिव्य दृश्य दिखाते और तुलसीदासजी लिखते चले जाते। कोई रचनाकार, सृजनकार, साहित्यकार पूरे घटनाक्रम को इस प्रकार अपने सामने देखे और लिखे, तभी उन पंक्तियों में प्राण आते हैं। तुलसीदासजी ने जिया है रामकथा को। इसीलिए रामायण हमें जीना सिखाती है।
देश-काल, परिस्थिति के अनुसार पूरी रामकथा को सात भागों में बाँटते हुए इन्हें सात सोपान या सात कांड कहा जाता है। रामायण में सात कांड हैं—बाल कांड, अयोध्या कांड, अरण्य कांड, किष्किंधा कांड, सुंदर कांड, लंका कांड और उत्तर कांड। प्रत्येक कांड में उत्तम जीवन के सूत्र समाए हैं। इस पुस्तक में उन्हें क्रमशः व्याख्यायित किया गया है। हर आम और खास की सहज समझ में आनेवाली 
शैली में लिखी सर्वथा नवीन रामकथा, 
जो हमारे जीवन को एक नई दिशा देगी, नए आयाम खोलेगी।

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अनुक्रम

लेखकीय — Pgs. 5 

1. बाल कांड — Pgs. 9

2. अयोध्या कांड — Pgs. 42

3. अरण्य कांड — Pgs. 78

4. किष्किंधा कांड — Pgs. 109

5. सुंदर कांड — Pgs. 125

6. लंका कांड — Pgs. 160

7. उत्तर कांड — Pgs. 191

 

The Author

Pt. Vijay Shankar Mehta

नई दृष्टि और अद्भुत वाक्-शैली के साथ धर्म व अध्यात्म पर व्याख्यान के लिए देश और दुनिया में जाने जाते हैं पं. विजयशंकर मेहता। वर्ष 2004 से अब तक 75 विषयों पर लगभग 3,000 व्याख्यान दे चुके हैं। 20 वर्ष रंगकर्म-पत्रकारिता में बिताने के बाद 12 वर्षों से आध्यात्मिक विषयों पर व्याख्यान का लोकप्रिय सिलसिला जीवन से जोड़ते हुए नई दृष्टि से श्रीमद्भागवत, श्रीरामकथा, शिवपुराण तथा हनुमत-चरित्र पर कथा कह रहे हैं। युवाओं के बीच ‘मेरा प्रबंधक मैं’ जैसे विचार के लिए लगातार आमंत्रित। ‘दैनिक भास्कर’ के ‘जीने की राह’ कॉलम के लेखक के रूप में खूब पढ़े जा रहे हैं।
प्रतिवर्ष देश के पाँच प्रमुख शहरों— रायपुर, इंदौर, जयपुर, डोंबिवली एवं राँची में श्री हनुमान चालीसा के सवा करोड़ जप के आयोजन में देश-दुनिया के लोग सहभागिता करते हैं।
94.3 माई एफएम रेडियो पर प्रतिदिन सुबह 6-7 बजे जीवन प्रबंधन के सूत्रों के साथ पंडितजी को सुना जा सकता है।
जीवन प्रबंधन समूह के पाँच उद्देश्यों को लेकर हर वर्ग के बीच जा रहे हैं—1. हनुमान चालीसा मंत्र बने, 2. हनुमानजी माताओं-बहनों के जीवन में उतरें, 3. हनुमानजी युवाओं के रोल मॉडल बनें, 4. पूजा-पाठ से पाखंड हटाना, 5. परिवार बचाओ अभियान।

 

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