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Jal Chikitsa   

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Author D D Ojha
Features
  • ISBN : 9789384344009
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1st
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  • Kindle Store

More Information

  • D D Ojha
  • 9789384344009
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1st
  • 2016
  • 160
  • Hard Cover

Description

हमारे शरीर का निर्माण करनेवाले पंच महाभूतों में दूसरा प्रमुख तत्त्व जल है। पृथ्वी का, शरीर का और सृष्‍ट‌ि का तीन-चौथाई भाग भी जल ही है। यह हमारे जीवन का पोषक है, धारक है तथा कारक भी है। जल रोगकारक एवं रोगशामक दोनों ही भूमिका निभाता है। जल से संबंधित स्वास्थ्य समस्याएँ समाज के लिए, विशेषतः ग्रामीण समुदाय के लिए अभिशाप हैं।
जल का दूसरा रूप इसके द्वारा की जानेवाली जल-चिकित्सा का है। जापान में जल-चिकित्सा विशेषज्ञों का तो यहाँ तक कहना है कि इस चिकित्सा को अपनाकर उच्च-रक्तचाप, एनीमिया, मधुमेह, श्‍वेतप्रदर, अनियमित मासिक-स्राव, सिरदर्द, मोटापा, गठिया, पेचिश और मूत्र संबंधी अनेक रोगों से निजात पाई जा सकती है।
प्रस्तुत पुस्तक में जनसाधारण के लिए जल संबंधी बहुत ही नवीन और महत्त्वपूर्ण तकनीकी जानकारी, यथा शरीर में जल के कार्य एवं स्वास्थ्य रक्षा में जल, मानव शरीर की रचना और जल, जल स्वच्छता और स्वास्थ्य, जल की गुणवत्ता का महत्त्व, जल गुणवत्ता के मानक, जल से होनेवाले विभिन्न रोग, जल-चिकित्सा, गरम व ठंडे जल के लाभ, जल पीने की उचित विधि, जल से स्नान की वैज्ञानिकता, स्वास्थ्य-शिक्षा आदि विषयों के बारे में बहुत ही सरल एवं रोचक भाषा में चित्रों सहित जानकारी दी गई है। 
जल द्वारा चिकित्सा का व्यावहारिक ज्ञान देनेवाली अत्यंत लाभप्रद पुस्तक।

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अनुक्रम

प्राक्कथन — Pgs. 7

वाटर का अर्थ — Pgs. 13

1. शरीर को जल-प्राप्ति के स्रोत — Pgs. 16

2. विभिन्न खाद्य-पदार्थों में जल  — Pgs. 19

3. जल से स्वास्थ्य रक्षा — Pgs. 21

4. जल की कमी के प्रभाव — Pgs. 24

5. जल की अधिकता का प्रभाव — Pgs. 25

6. शरीर में जल संतुलन — Pgs. 26

7. स्वच्छ  वातावरण, जल और स्वास्थ्य — Pgs. 30

8. जल की गुणवत्ता एवं स्वास्थ्य — Pgs. 33

9. पेयजल में नाइट्रेट के दुष्प्रभाव — Pgs. 42

10. फ्लोराइड और जन स्वास्थ्य — Pgs. 47

11. फ्लोराइड तथा पशु स्वास्थ्य — Pgs. 51

12. आर्सेनिक — Pgs. 61

13. पेयजल गुणवत्ता के मानक — Pgs. 63

14. जल-गुणवत्ता एक दृष्टि में — Pgs. 71

15. जलजन्य रोग — Pgs. 74

16. जल-प्रदूषण की जनजन्य रोगों की भूमिका — Pgs. 76

17. हैजा या विशूचिका — Pgs. 85

18. अम्लपित्त — Pgs. 87

19. डायरिया (अतिसार रोग) — Pgs. 88

20. टायफाइड तथा पैराटायफाइड — Pgs. 91

21. पोलियो — Pgs. 92

22. संक्रामक यकृत-शोथ (वायरस हिपेटाइटिस) — Pgs. 95

23. अमीबियासिस — Pgs. 96

24. खूनी पेचिश (शिंगोलिसिस) — Pgs. 97

25. जियारडियासिस रोग — Pgs. 98

26. कृमिजन्य रोग — Pgs. 99

27. सिस्टोसोमियासिस  — Pgs. 103

28. जल से संबंधित कीटाणुओं द्वारा फैलनेवाले रोग — Pgs. 104

29. जल से संबंधित त्वचा, नेत्र एवं अन्य रोग — Pgs. 107

30. जल की कमी से होनेवाले रोग — Pgs. 108

31. लीश्मानियासिस रोग — Pgs. 110

32. जल से चिकित्सा — Pgs. 112

33. आयुर्वेद में जल तत्त्व — Pgs. 113

34. जल की प्रकृति एवं गुण — Pgs. 114

35. जल-चिकित्सा में मानव की प्रकृति का महत्त्व — Pgs. 115

36. गरम जल के लाभ — Pgs. 117

37. जल पीने का समय — Pgs. 120

38. जल नहीं पीने का समय — Pgs. 123

39. जल पीने की मात्रा — Pgs. 124

40. अनेक रोगों की शामक—स्नान चिकित्सा (स्नान से रोग रक्षा) — Pgs. 126

41. अधिक लोकप्रिय हो रही हाइड्रोथैरेपी — Pgs. 129

42. जल-चिकित्सा इनमें भी उपयोगी — Pgs. 145

43. स्वास्थ्य-शिक्षा — Pgs. 153

44. जल एवं स्वच्छता की शिक्षा — Pgs. 158

The Author

D D Ojha

जोधपुर में जनमे विज्ञान की उच्चतम शिक्षा प्राप्‍त, देश-विदेश की दस लब्ध-प्रतिष्‍ठ विज्ञान-संस्थाओं के चयनित फेलो, रॉयल सोसाइटी ऑफ केमिस्ट्री, लंदन  से चार्टर्ड केमिस्ट की सम्मानोपाधि प्राप्त देश के वरिष्‍ठ विज्ञान संचारक। विगत 38 वर्षों से हिंदी में विज्ञान-लेखन और विज्ञान लोकप्रियकरण में रत डॉ. दुर्गादत्त ओझा की पुरातन एवं अद्यतन विज्ञान विषयों पर हिंदी में 50 से अधिक कृतियाँ, सहस्राधिक विज्ञान आलेख एवं शताधिक शोध-पत्र प्रकाशित हैं।
भूजल विभाग जोधपुर के अवकाश प्राप्‍त वरिष्‍ठ वैज्ञानिक डॉ. ओझा को अनेक राष्‍ट्रीय पुरस्कारों एवं सम्मानोपाधियों से अलंकृत किया गया है, जिनमें प्रमुख हैं—राष्‍ट्रीय ज्ञान-विज्ञान पुरस्कार, राष्‍ट्रीय विज्ञान-संचार पुरस्कार, राष्‍ट्रीय ग्रामीण साहित्य पुरस्कार, महामहिम राष्‍ट्रपति से डॉ. आत्माराम पुरस्कार, मेदिनी पुरस्कार आदि। डॉ. ओझा देश-विदेश की अनेक विज्ञान-संस्थाओं से जुड़े हुए हैं तथा विज्ञान विषयक कई पत्रिकाओं एवं शोध-जर्नलों के संपादक मंडल के सदस्य हैं।

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