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Hindi Patrakarita Ki Shabda Sampada

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Author Badrinath Kapoor , Shiv Kumar Awasthi , R Ratnesh
Features
  • ISBN : 9789350481127
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1st
  • ...more

More Information

  • Badrinath Kapoor , Shiv Kumar Awasthi , R Ratnesh
  • 9789350481127
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1st
  • 2017
  • 348
  • Hard Cover
  • 665 Grams

Description

हिंदी बहुत समृद्ध भाषा है। इसका शब्द भंडार विशाल है। इन दिनों हिंदी पत्रकारिता भाषायी संकट का सामना कर रही है। सामाजिक और आर्थिक परिवर्तन के दबावों में वह ऐसा भाषा-रूप अपना रही है, जो हिंदी समाज की भाषिक और सांस्कृतिक अस्मिता के लिए चुनौती है। हिंदी समाचार-पत्रों और अन्य जनसंचार माध्यमों में अंग्रेजी शब्दों का अवांछनीय प्रयोग बढ़ रहा है।
प्रस्तुत शब्दकोश में शब्दार्थ उसके व्याकरणिक रूप के अनुसार दिए गए हैं। जहाँ कहीं शब्द या मुहावरे का रूप क्षेत्रीय या बहुप्रचलित से कुछ हटकर है, वहाँ उसका प्रचलित रूप भी साथ में दिया गया है। जहाँ कहीं कोई शब्द प्रचलित अर्थ से भिन्न अर्थ में प्रयुक्‍त हुआ है, वहाँ उसका मुख्य अर्थ पहले दिया गया है। जहाँ किसी शब्द के एक से अधिक अर्थ हों, वहाँ अर्थ के समक्ष तदनुकूल उद्धरण दिए गए हैं। शब्द का अर्थ देते समय उसकी उत्पत्ति को ध्यान में रखा गया है। कोश में जिन पत्र-पत्रिकाओं से उद्धरण लिये गए हैं, उनका उल्लेख संकेताक्षरों में किया गया है तथा उनका खुलासा पृथक् से 'संकेत’ के रूप में शब्दकोश में किया गया है।

आशा है, 'हिंदी पत्रकारिता की शब्द-संपदा’ ग्रंथ का हिंदी जगत् में स्वागत होगा। संपादकों की मेज पर एक उपादेय सहायक के रूप में वह अपना स्थान बनाएगा। पत्रकारों, विद्यार्थियों, अध्यापकों तथा साहित्यसेवियों द्वारा इसे अपनाया जाएगा।

The Author

Badrinath Kapoor

कोश कला के आचार्य श्री रामचंद्र वर्मा के सुयोग्य शिष्य डॉ. बदरीनाथ कपूर हिंदी की शब्द सामर्थ्य को प्रकट और प्रतिष्‍ठापित करने के अनुष्‍ठान में आधी सदी से जुटे हुए हैं। डॉ. कपूर की अब तक 32 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं जिनमें से अधिकांश शब्दकोश, 3 जीवनियाँ और 5 अनुवाद ग्रंथ हैं। डॉ. कपूर ने आचार्य रामचंद्र वर्मा के तीन महत्त्वपूर्ण कोशों का संशोधन-परिवर्द्धन कर उनकी स्मृति और अवदान को अक्षुण्ण बनाए रखने का स्थायी महत्त्व का कार्य किया है।

Shiv Kumar Awasthi

डॉ. शिवकुमार अवस्थी रसायन विज्ञान में एम.एस-सी. व पी-एच.डी. हैं। कुछ समय अध्यापन के बाद वे मध्य प्रदेश हिंदी ग्रंथ अकादमी में पदस्थ हुए और संचालक के पद से अवकाश ग्रहण किया। दस वर्षों तक मध्य प्रदेश भोज विश्‍वविद्यालय के वरिष्‍ठ सलाहकार एवं ज्ञानवाणी भोपाल के स्टेशन मैनेजर रहे। हिंदी पुस्तकों के संपादन में उनकी दक्षता सुपरिचित है। ‘एक भारतीय आत्मा’ माखनलाल चतुर्वेदी पर उनका मोनोग्राफ गागर में सागर है।

R Ratnesh

हिंदी और संस्कृत में स्नातकोत्तर डॉ. आर. रत्‍नेश ने हिंदी में पी - एच. डी. की उपा‌ध‌ि प्राप्‍त की है । उच्च शिक्षा में अध्यापन के सुदीर्घ अनुभव के साथ - साथ उन्होंने राष्‍ट्रीय सेवा योजना के माध्यम से युवा पीढ़ी को संस्कारित करने का कार्य किया । ' हिंदी नाटकों में राष्‍ट्रीय नैतिक चेतना, ' ' पं. लक्ष्मीनारायण मिश्र के नाटक ' और चंद्रकला नाटिका- ' पं. विश्‍वनाथ कविराज ' उनकी प्रकाशित पुस्तकें हैं । संप्रति हिंदी पत्रकारिता की विलुप्‍तप्राय शब्द - संपदा कोश के संचयन - संपादन कार्य में संलग्न हैं ।

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