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Author Pratibha Ray
Features
  • ISBN : 9789382898498
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1st
  • ...more

More Information

  • Pratibha Ray
  • 9789382898498
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1st
  • 2014
  • 160
  • Hard Cover

Description

गाँव में पहुँचते ही चइतन ने निस्संकोच होकर चंपी के न लौटने की खबर का ऐलान किया। बुढ़ापे में उम्र ढल चुकी पत्नी के लिए कौन मरा जा रहा है! पैंतालीस साल बिना पत्नी के गुजारे। अब जिंदगी के कितने दिन बचे हैं! चइतन के लिए रात का खाना पड़ोस में रहनेवाली मुँह बोली नानी के यहाँ से आ गया। खाने के बाद चइतन ने कहा, ‘अब कल से मेरे लिए खाना न भेजना। पेट के लिए मैं क्यों दूसरों पर निर्भर करूँ? अब तक तो अपना गुजारा खुद ही करता रहा हूँ?’ गाँववालों को लगा कि कल सवेरे ही चइतन किसी को बिना बताए गाँव छोड़कर चला जाएगा। चंपी के जिंदा रहने की आशा से वह इतने सालों बाद गाँव लौटा था। चंपी ने उसे जितना निराश किया है, उसके बाद चइतन के लिए अब गाँव में क्या रखा है। बेचारा चइतन अब इस बुढ़ापे में भी दर-दर भटकता है। एक दिन सड़क पर ऐसे ही बेसहारा मरा हुआ मिलेगा।
—इसी पुस्तक से
कहानीकार तभी आदृत होता है, जब विविध सामाजिक, राजनीतिक, मनोवैज्ञानिक समस्याओं पर उसकी पैनी दृष्टि रहती है और वह उन सबको अपनी कहानियों में उतारकर समाज को एक नई दिशा देने में सक्षम होता है। ऐेसी ही एक कथाकार हैं—डॉ. प्रतिभा राय। समाज में व्याप्त अनेक समस्याओं को उन्होंने अपनी कहानियों में इस प्रकार उठाया है कि लगता है, लेखिका स्वयं इन सबसे जूझ रही हो। अत्यंत रोचक एवं मर्मस्पर्शी कहानियों का पठनीय संकलन।

The Author

Pratibha Ray

जन्म : 21 जनवरी, 1943 को अलाबोल गाँव, कटक (उड़ीसा) में।
शिक्षा : एम.ए., पी-एच.डी. (साइकोलॉजी)।
कुछ वर्षों तक प्राध्यापन, भुवनेश्‍वर के बी.जे.बी. कॉलेज में शिक्षा-शास्‍‍त्र विभाग की अध्यक्ष रहीं। अनेक सांस्कृतिक और सामाजिक संस्थाओं से संबद्ध। उड़ीसा संघ लोक सेवा आयोग की सदस्य।
प्रकाशन : 18 उपन्यास व 15 कहानी-संग्रह, 10 यात्रा-वृत्तांत; उडि़या में प्रकाशित ‘याज्ञसेनी’, ‘शिलापद‍्म’, ‘अपरिचिता’, ‘नील कृष्णा’, ‘आसावरी’, ‘समुद्र स्वर’, ‘आदिभूमि’ और ‘महामोह’ उपन्यास विशेष चर्चित। अनेक रचनाएँ बांग्ला, मराठी, गुजराती, असमिया, कन्नड़, पंजाबी, तमिल, तेलुगु, अंग्रेजी एवं हिंदी में अनूदित होकर प्रकाशित।
सम्मान-पुरस्कार : ज्ञानपीठ सम्मान, मूर्तिदेवी पुरस्कार, उड़ीसा साहित्य अकादमी पुरस्कार, उड़ीसा का अति महत्त्वपूर्ण साहित्यिक ‘सारला पुरस्कार’, पद‍्मश्री, केंद्रीय साहित्य अकादेमी पुरस्कार।

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