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Gandhi Darshan Ke 5 Sootra   

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Author Renu Kumari Kushwaha
Features
  • ISBN : 9789350480465
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1st
  • ...more
  • Kindle Store

More Information

  • Renu Kumari Kushwaha
  • 9789350480465
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1st
  • 2018
  • 160
  • Hard Cover

Description

आज आम समाज गरीबी व बेरोजगारी की परेशानी से त्रस्त है। धन का असमान वितरण तथा मानवाधिकारों का उल्लंघन नित नई समस्या पैदा करता जा रहा है। आतंकवाद की समस्या से न केवल भारत बल्कि पूरा विश्व ही प्रभावित हो रहा है। ऐसी अनेक समस्याओं का समाधान ‘गांधी दर्शन’ में ढूँढ़ा जा सकता है। इस धरा पर अमन-चैन कायम हो—पूरी दुनिया एक ऐसे विकल्प की तलाश में है। अत: गांधीवाद इसका उत्तर और एक विकल्प देता है। गांधी दर्शन के सिद्धांत और सूत्र इस युग की सबसे बड़ी चुनौतियों का सामना करने में पूर्ण सक्षम हैं। आज दुनिया भर की आवाजें गांधी की बातों को दोहरा रही हैं, जो उन्होंने औद्योगिकीकरण, मशीनीकरण, आर्थिक विकास, स्त्रा् सशक्तीकरण, पर्यावरण सुरक्षा, सामाजिक न्याय आदि के बारे में कही थीं। गांधी के ये पाँच सूत्र आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं, जितने उस काल में थे।
शाश्वत गांधी दर्शन के मूल सूत्रों का दिग्दर्शन कराती महत्त्वपूर्ण पुस्तक। इस पुस्तक में एक सक्रिय राजनीतिक कार्यकर्ता डॉ. रेणु कुमारी द्वारा विश्व के महानतम राजनीतिक कार्यकर्ता महात्मा गांधी के मूल दर्शन को वर्तमान परिप्रेक्ष्य में सरल एवं सूक्ष्म रूप से प्रस्तुत किया गया है।
—डॉ. अनिल दत्त मिश्रा
लेखक एवं गांधीवादी विचारक
भूमंडलीकरण, उदारीकरण व निजीकरण के दौर में डॉ. रेणु कुमारी की महात्मा गांधी की प्रासंगिकता पर पुस्तक उचित समय पर लिखा गया अद्वितीय साहित्यिक योगदान है।
—प्रो. आर.पी. द्विवेदी,
अध्यक्ष गांधी भवन,
महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ,बनारस
आधुनिकता के युग में गांधी को पुन: स्थापित करने का डॉ. रेणु कुमारी द्वारा एक सार्थक प्रयास हुआ है। आनेवाले समय में हिंदी में लिखित यह पुस्तक मील का पत्थर साबित होगी।
—डॉ. प्रवीण कुमार
एसोसिएट प्रोफेसर, दिल्ली विश्वविद्यालय

The Author

Renu Kumari Kushwaha

जन्म : 29 अगस्त, 1962।
शिक्षा : एम.ए., एल-एल.बी., डी.पी.एड., पी-एच.डी.।
लोकसभा की सदस्य रहीं, उसी दौरान विभिन्न समितियों की सदस्य बनीं। बिहार विधानसभा की तीन बार सदस्य एवं मंत्री बनीं।
थाइलैंड, आस्ट्रिया, स्विट्जरलैंड एवं नेपाल की विदेश यात्रा।
संप्रति : मंत्री—उद्योग एवं आपदा प्रबंधन विभाग, बिहार सरकार।

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