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Computer Parichalan Tattva   

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Author Ram Bansal
Features
  • ISBN : 818583086X
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1st
  • ...more

More Information

  • Ram Bansal
  • 818583086X
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1st
  • 2010
  • 148
  • Hard Cover

Description

मनुष्य प्रारंभ में कल्पना भी नहीं कर पाया था कि कंप्यूटर एक दिन मानवीय जीवन में इतना महत्त्वपूर्ण हो जाएगा कि मनुष्य अपने नित्य प्रति के कामों में भी इसका उपयोग करने लगेगा । इसीलिए कल्पना की उड़ान के माध्यम से वह एक ऐसे बिंदु पर पहुँचा था, जहाँ उसने एक मामूली से उपकरण का नाम ' माइक्रो कंप्यूटर ' रखा था । उसी माइक्रो कंप्यूटर ने आज कंप्यूटर जगत् पर अपना आधिपत्य स्थापित कर लिया है तथा मानव जीवन के प्रत्येक आयाम में अपना योगदान देकर महत्त्वपूर्ण अधिकार पा लिया है । यह अब बड़े संगठनों की आवश्यकताओं की पूर्ति से उतरता हुआ व्यक्‍त‌ि की आवश्यकताओं की पूर्ति तक आ पहुँचा है । इसलिए इसे ' पर्सनल कंप्यूटर' कहा जाने लगा है । वर्तमान परिप्रेक्ष्य में पर्सनल कंप्यूटर ऐसे सर्वोपयोगी एवं सर्वसुलभ साधन हैं, जो व्यक्‍त‌ियों की कार्यक्षमताओं में अभिवृद्धि करते हैं; वे व्यक्‍त‌ि चाहे स्वयं सिद्धहस्त हों अथवा बड़े संगठनों के अंग । छोटी सी कार्यालय मेज पर अथवा व्यक्‍त‌ि की गोद में समाए जा सकनेवाले ये कंप्यूटर इतनी विविधताओं, विविध क्षमताओं तथा विविध आकारों में उपलब्ध हैं कि प्रत्येक व्यक्‍त‌ि अपनी आवश्यकतानुसार एक पर्सनल कंप्यूटर का स्वामी बन सकता है ।
इसी पुस्तक से कंप्यूटर के परिचालन में कौन-कौन से तत्त्व आवश्यक हैं? इन तत्त्वों की सहायता से कंप्यूटर का किस प्रकार आसानी के साथ परिचालन किया जा सकता है? इन सभी बातों की जानकारी सरल भाषा में चित्रों के साथ इस पुस्तक में दी गई है, जो कि नवप्रशिक्षुओं के साथ- साथ आम पाठक के लिए भी ज्ञानवर्द्धक होगी ।

The Author

Ram Bansal

भारत की शीर्षस्थ इंजीनियरिंग शिक्षण संस्था रुड़की विश्‍वविद्यालय से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में 1971 के स्नातक श्री राम बंसल ' विज्ञाचार्य ' ने प. बंगाल स्थित दुर्गापुर इस्पात संयंत्र से अपनी व्यावसायिक जीवन-वृत्ति प्रारंभ की । तत्पश्‍चात् ( वे टाटा समूह की इंडियन ट्यूब्स कंपनी लिमिटेड, जमशेदपुर (बिहार) में व्यावसायिक प्रतिष्‍ठा प्राप्‍त करके मैटल ट्यूब्स प्रा. लि., पानीपत (हरियाणा) के संस्थापक-प्रबंधक रहे । 1983 से 1995 तक श्री विज्ञाचार्य ने स्वतंत्र औद्योगिक परामर्शदाता के रूप में अनेक औद्योगिक इकाइयों के संस्थापन एवं परिचालन में अपना योगदान दिया तथा औद्योगिक प्रबंधन पत्रिका ' फ्रैंड्स फॉर इंडस्ट्री ' का संपादन व प्रकाशन किया । वे 1996 से निरंतर लेखन कार्य में जुटे हैं । अंग्रेजी के अतिरिक्‍त हिंदी में भी वे अनेक तकनीकी पुस्तकों का लेखन कर चुके हैं, जिनमें से प्रमुख हैं-' वैद्युत् मशीनें ', ' मॉडर्न इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग ', ' डिजिटल लॉजिक एंड माइक्रो कंप्यूटर टेकोलॉजी ' तथा ' इकॉर्मेशन सिस्टम : एनालिसिस एंड डिजाइन ' । वर्तमान में श्री विज्ञाचार्य मालवीय क्षेत्रीय अभियांत्रिक महाविद्यालय, जयपुर में अतिथि व्याख्याता हैं ।

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