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Chakravarty Samrat Ashok

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Author Rachna Bhola 'Yamini'
Features
  • ISBN : 9789383110094
  • Language : Hindi
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  • Kindle Store

More Information

  • Rachna Bhola 'Yamini'
  • 9789383110094
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 2018
  • 120
  • Hard Cover
  • 264 Grams

Description

इतिहास में सम्राट् अशोक को दो चीजों के लिए याद किया जाता है—एक, कलिंग के युद्ध के लिए और दूसरा, भारत के बाहर की दुनिया में बौद्ध धर्म के प्रचार-प्रसार के लिए। अपने आरंभिक दिनों में अशोक बहुत क्रूर राजा था। अपने निष्कंटक राज्य के लिए उसने अपने सौतेले भाइयों को मरवा दिया था। उसके इन क्रूर कारनामों के कारण उसे ‘चंड अशोक’ कहा जाने लगा था। उसने एक के बाद एक राज्य जीता और साम्राज्यवाद की अपनी महत्त्वाकांक्षा को सींचता रहा। उसका राज्य भारत के पार दक्षिण एशिया और पर्शिया तक को छूने लगा।
आखिर कलिंग का युद्ध हुआ। इसमें भी अशोक को जीत मिली। लेकिन इस युद्ध में दोनों पक्षों के एक-एक लाख लोग मारे गए और इससे भी ज्यादा बेघर हो गए। कलिंग युद्ध में हुए महाविनाश से विचलित हो गया। उसने बौद्ध धर्म ग्रहण कर लिया। उसने जनकल्याण के कार्य आरंभ कर दिए और राजसी भोग-विलास का परित्याग कर दिया। उसने अपने पुत्र महेंद्र और पुत्री संघमित्रा को बौद्ध धर्म के प्रचार-प्रसार के लिए समर्पित कर दिया।
सम्राट् अशोक के शौर्य, युद्धकौशल विजय अभियानों और दानव से मानव बनने की मार्मिक कथा प्रस्तुत करनेवाली एक पठनीय पुस्तक।

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विषय-सूची

अपनी बात — Pgs. 7

1. ऐतिहासिक परिदृश्य — Pgs. 13

2. भावी सम्राट् की परीक्षा — Pgs. 21

3. अशोक व विदिशा परिणय — Pgs. 24

4. अशोक का मानसिक द्वंद्व — Pgs. 32

5. अशोक का साम्राज्य — Pgs. 38

6. महवाकांक्षा का अंत — Pgs. 41

7. सम्राट् का हृदय-परिवर्तन — Pgs. 45

8. अशोक व बौद्ध धर्म का प्रचार — Pgs. 48

9. विमाता का षड्यंत्र — Pgs. 59

10. अशोक का प्रशासन — Pgs. 64

11. अशोक कालीन कला व शिल्प — Pgs. 70

12. बौद्ध संघ में मतभेद व अशोक — Pgs. 80

13. अशोक के जीवन का अंतिम काल व धर्म — Pgs. 83

14. जनश्रुतियाँ व दंतकथाएँ — Pgs. 86

15. हमारा राष्ट्रचिह्न — Pgs. 95

16. अशोक के अभिलेख — Pgs. 98

ग्रंथ सूची — Pgs. 118

The Author

Rachna Bhola 'Yamini'

शिक्षा : एम.ए. (हिंदी), पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा।
रचना-संसार : जीवनी साहित्य पर बीस पुस्तकें, लगभग 45 पुस्तकों का अंग्रेजी से अनुवाद; उल्लेखनीय पुस्तकें—‘प्रयास’ (लघुकथा-संग्रह), ‘याज्ञसेनी’ (उपन्यास); क्या है विदुर नीति में, हमारे प्रेरणा-स्रोत, भारतीय संतों की अमर गाथा, गृहिणी—एक सुपर वूमन, जयंतियाँ और दिवस, विशाल भारत की लोककथाएँ, महान् भारतीय संस्कृति, विशाल भारत को जानें, विशाल भारत के राष्‍ट्रपति व प्रधानमंत्री, भक्‍तजननि माँ शारदा, ईश्‍वरचंद्र विद्यासागर, भगिनी निवेदिता, मैडम भीकाजी कामा, लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक, शिरडी के साईं बाबा (जीवनियाँ); हिंदुत्व, पत्र और पत्रकारिता, प्रदूषण-मुक्‍त पर्यावरण, हिंदी पत्रकारिता, नॉस्‍‍त्रेदेमस की विचित्र भविष्यवाणियाँ, तिल रहस्य व हाव-भाव विचार (विविध विषय); रामायण व महाभारत की प्रेरक, पौराणिक व शिक्षाप्रद कथाएँ (बालोपयोगी); बीरबल, हितोपदेश, पंचतंत्र, विक्रम-बेताल श्रृंखला। नवसाक्षर बाल साहित्य, विविध पाठ्य पुस्तकों का अनुवाद व संपादन। अनेक अनुवाद कार्य व पुस्तकें प्रकाशनाधीन।

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