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Bonsai Kahaniyan   

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Author Lata Kadambari
Features
  • ISBN : 9789383110322
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1st
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  • Kindle Store

More Information

  • Lata Kadambari
  • 9789383110322
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1st
  • 2015
  • 184
  • Hard Cover

Description

संदर सृजन बिना पीड़ा के कब संभव हो पाया है, जब पीड़ा घनी हो जाती है तब उसे बरसना ही पड़ता है। लो बरस गई पीड़ा बोनसाई कहानियों के रूप में। ये  कहानियाँ आपको  नारी सशक्तीकरण, नारी समानता, नारी हिंसा, कन्याभ्रूण हत्या पर गहन विश्लेषण करती दिखाई देंगी। इन कहानियों में जहाँ एक ओर मानवीय संवेदना दिखाई देती है, वहीं दूसरी ओर समाज में दरकते रिश्तों की टूटन भी दिखाई पड़ती है। कहानियाँ लोगों के पाखंड तथा तर्क-कुतर्क का स्पष्ट आईना हैं। यह बोनसाई आकार में छोटी सही, पर विचारों से लबरेज है। इन बहुरंगी और पठनीय कथाओं में लेखिका ने जीवन के छोटे-छोटे, परंतु अर्थपूर्ण  क्षेपकों  के  माध्यम  से समसामयिक  ज्वलंत  प्रश्नों  और समस्याओं को उठाकर अपने सामाजिक और  मानवीय  सरोकारों  की आश्वस्तिकारक बानगी प्रस्तुत की है। पुस्तक में अधिकांश जगह भाषा में गहनता दिखाई देगी, पर मौका मिलते ही लेखिका ने जगह-जगह हास्य-व्यंग्य की शैली भी अपनाई है, जो पाठकों के मिजाज के अनुकूल है। फास्ट फूड तथा पाउच के जमाने में वक्त की कमी को देखते हुए कहानियाँ भी छोटी-छोटी होनी चाहिए न! उसी का प्रयास हैं ये कहानियाँ। निश्चय ही हर आयु वर्ग के पाठकों के लिए मनोरंजक एवं पठनीय।
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अनुक्रम    
भूमिका — Pgs. 7 72. ऐसा क्यों — Pgs. 66 143. वास्तुजाल — Pgs. 123
हृदय स्पंदन — Pgs. 9 73. भटकती आत्मा — Pgs. 67 144. गुरुपुराण — Pgs. 123
1. भूत की बातें — Pgs. 19 74. अब नहीं चल सकता — Pgs. 68 145. जीती न मरती — Pgs. 124
2. काला चाँद — Pgs. 20 75. सर्जक — Pgs. 68 146. दिल का रास्ता  — Pgs. 125
3. योनियोग  — Pgs. 21 76. एक विचार — Pgs. 69 147. माइग्रेन — Pgs. 126
4. ‘टू इन वन’ — Pgs. 21 77. लखटकिया — Pgs. 69 148. निगोड़ी आँखें — Pgs. 126
5. एक और यथार्थ — Pgs. 22 78. सबसे बड़ा बादशाह — Pgs. 70 149. हम ठीक हैं — Pgs. 127
6. आह! मैं बूढ़ी हो गई — Pgs. 23 79. जीवन मर्म — Pgs. 71 150. समझो न! — Pgs. 128
7. अपनी बेटियाँ — Pgs. 23 80. रिटायरमेंट के बाद — Pgs. 72 151. आम — Pgs. 129
8. मुरगी नंबर-7 — Pgs. 24 81. पूजा-पाठी आदमी — Pgs. 73 152. शीशा — Pgs. 130
9. आनंद-ही-आनंद — Pgs. 24 82. पुत्रवती भव  — Pgs. 73 153. दो कपों की बातें — Pgs. 132
10. गुण या अवगुण — Pgs. 25 83. कमाल हो गया  — Pgs. 74 154. दो मुरदे — Pgs. 133
11. तलाश — Pgs. 25 84. खिड़कियाँ खोल दो — Pgs. 75 155. कलाकृति — Pgs. 134
12. रिश्ते  — Pgs. 26 85. समझ अपनी-अपनी — Pgs. 79 156. पर माँ! — Pgs. 134
13. जीवन संचय — Pgs. 27 86. निर्णय — Pgs. 80 157. अंधे हैं जी — Pgs. 135
14. खुश रहने के लिए — Pgs. 27 87. ‘हुई न हुई’ — Pgs. 81 158. बसौड़ा — Pgs. 137
15. जीने से पहले — Pgs. 28 88. बंधन — Pgs. 85 159. हद — Pgs. 138
16. एक ‘माई’ — Pgs. 28 89. सीमा रेखा — Pgs. 85 160. एक तथ्य यह भी — Pgs. 138
17. मरघट से पहले — Pgs. 30 90. जहरीले — Pgs. 86 161. पापा के कारण — Pgs. 139
18. वह औरत — Pgs. 30 91. पापा ठंडे हैं, 162. तर्पण  — Pgs. 140
19. ऐसा क्यूँ? दादी — Pgs. 31 पापा मारते नहीं — Pgs. 86 163. लोग — Pgs. 141
20. बाईचांस  — Pgs. 32 92. फोटो — Pgs. 87 164. मुखौटा  — Pgs. 141
21. कैसे जानोगे? — Pgs. 33 93. मान भी जाओ—‘निशा’ — Pgs. 87 165. दूर की आवाज — Pgs. 142
22. गेंद — Pgs. 33 94. जिंदगी — Pgs. 88 166. कुँवारे सपने — Pgs. 143
23. वह लड़का — Pgs. 34 95. गुडमॉर्निंग — Pgs. 88 167. रजनीगंधा — Pgs. 145
24. उसके वास्ते — Pgs. 35 96. बिना दिलवाला — Pgs. 89 168. सुनो जी — Pgs. 146
25. जिज्ञासु — Pgs. 35 97. मरी औरत — Pgs. 89 169. सेर पर सवाया — Pgs. 147
26. चलो, चला जाए — Pgs. 36 98. दस का एक — Pgs. 90 170. चतुर सुजान — Pgs. 147
27. अपना-अपना आकाश — Pgs. 37 99. लक्ष्मी — Pgs. 90 171. प्यार या व्यापार — Pgs. 148
28. चिड़ीमार — Pgs. 39 100. चमत्कारी पुरुष — Pgs. 91 172. अंतरराष्ट्रीय कार रैली — Pgs. 149
29. इज्जत की दुकान — Pgs. 40 101. माँजी कॉलिंग — Pgs. 91 173. कच्ची-पक्की दीवारें — Pgs. 150
30. दुःख किस बात का? — Pgs. 41 102. एक प्रश्न यह भी — Pgs. 92 174. सवारी — Pgs. 151
31. मैं भूल गया — Pgs. 42 103. न बाबा न! — Pgs. 92 175. घात-प्रतिघात — Pgs. 151
32. वैल्यूज — Pgs. 42 104. विंध्या — Pgs. 93 176. बुलबुल — Pgs. 152
33. वह चुप हो गई — Pgs. 43 105. मैं — Pgs. 93 177. भूखा बच्चा — Pgs. 153
34. कहानी नाक की — Pgs. 44 106. ‘तुम’ या ‘मैं’ — Pgs. 94 178. दो पागल — Pgs. 154
35. जान कि पहचान? — Pgs. 44 107. राम जाने! — Pgs. 95 179. यमदूत — Pgs. 155
36. नारी सशक्तीकरण के 108. दहेज तो चाहिए ही — Pgs. 96 180. धंधा — Pgs. 156
मायने — Pgs. 45 109. सास या कि सॉस — Pgs. 97 181. परमब्रह्म — Pgs. 156
37. क्या किया जाए? — Pgs. 45 110. अपने-अपने आधार  — Pgs. 97 182. भागमभाग — Pgs. 157
38. प्रश्नचिह्न — Pgs. 46 111. बुढ़ापे की औलाद — Pgs. 98 183. हम मर्द — Pgs. 158
39. देवरानी-जेठानी — Pgs. 46 112. आर या कि पार — Pgs. 99 184. शेर मदर — Pgs. 158
40. असल बात यह है कि — Pgs. 47 113. इमली का भूत — Pgs. 99 185. ठीक कहा आपने — Pgs. 159
41. जीरो प्यार — Pgs. 48 114. पड़ाव — Pgs. 100 186. शायद — Pgs. 160
42. आधुनिक सावित्री  — Pgs. 48 115. एक नया युद्ध — Pgs. 101 187. सत्य बोलो मुक्ति है — Pgs. 161
43. ऐसा भी होता है — Pgs. 49 116. आओ बनाएँ एक 188. पूरा दाँव — Pgs. 161
44. दो लाइनें — Pgs. 50 नई प्रजाति — Pgs. 101 189. डायरी का
45. गरीब आदमी और 117. तेज बहू — Pgs. 103 आखिरी पन्ना — Pgs. 162
शोषक — Pgs. 50 118. ओ बसंत! — Pgs. 103 190. चिड़ा-चिड़ी — Pgs. 163
46. ऐब — Pgs. 51 119. सोचो जरा — Pgs. 104 191. कृतियाँ — Pgs. 164
47. शो केस की आइसक्रीम — Pgs. 52 120. मैं छोटी भली — Pgs. 104 192. त्रियाचरित्र — Pgs. 165
48. कॉन्टेक्ट? सॉरी — Pgs. 52 121. बेचैन आत्मा — Pgs. 105 193. मदर्स डे — Pgs. 166
49. एड्स देवता — Pgs. 53 122. चोला उतार दो — Pgs. 106 194. अभी तो हम जवान हैं। — Pgs. 167
50. नींबू निचुड़ गया — Pgs. 54 123. पड़वा — Pgs. 107 195. कविता-पाठ — Pgs. 168
51. क्या दिमाग है! — Pgs. 54 124. एक टिकट— 196. टहनियाँ झुक गईं — Pgs. 168
52. ‘यत्र नार्यंस्तु पूज्यन्ते’ — Pgs. 55 दो पिक्चर — Pgs. 108 197. नाशपीटी — Pgs. 169
53. हिसाब-किताब — Pgs. 55 125. जी चाचाजी — Pgs. 109 198. नई पड़ोसन — Pgs. 170
54. संगठन की शक्ति — Pgs. 56 126. अमृतपान — Pgs. 109 199. चमचम — Pgs. 171
55. विडंबना — Pgs. 56 127. आसमान से 200. दृष्टिकोण — Pgs. 172
56. पैतृक संपत्ति — Pgs. 57 झाँकती बुढि़या  — Pgs. 111 201. उनकी दो — Pgs. 173
57. माँ — Pgs. 57 128. कुछ तो नहीं किया — Pgs. 111 202. हरसिंगार झर उठे — Pgs. 174
58. वाह गरीबी !  — Pgs. 57 129. बदनसीब — Pgs. 112 203. हद कर दी आपने — Pgs. 175
59. मुआवजे की रकम — Pgs. 58 130. लब छलक उठे — Pgs. 112 204. अंतर्द्वंद्व — Pgs. 175
60. एक विचित्र सवाल — Pgs. 59 131. ब्रांड ऐंबेस्डर — Pgs. 113 205. गीदड़ बेचारा — Pgs. 177
61. चाहे कुछ लिख दो! — Pgs. 59 132. दो मिनट — Pgs. 114 206. गुलाब और घास — Pgs. 177
62. क्या बात है ! — Pgs. 60 133. बतियाते अक्षर — Pgs. 114 207. सॉरी माँ! — Pgs. 178
63. भाभी जाप — Pgs. 60 134. भाग्य या करनी  — Pgs. 115 208. आगे-पीछे — Pgs. 179
64. अंगूर खट्टे हैं — Pgs. 60 135. डिलेवरी पेन — Pgs. 115 209. स्पेशल चाइल्ड — Pgs. 179
65. खेलने-खाने के दिन — Pgs. 61 136. पर उपदेश कुशल 210. आत्मसमर्पण — Pgs. 180
66. मुसकराहटें — Pgs. 62 बहुतेरे — Pgs. 116 211. हिंदी की कक्षा — Pgs. 181
67. स्वाँग — Pgs. 62 137. वो बूढ़ा आदमी — Pgs. 116 212. चेन सिस्टम — Pgs. 182
68. और वे शांत हो गए — Pgs. 63 138. आज का आदर्श — Pgs. 117 213. नास्तिक — Pgs. 182
69. इट्स वेरी कॉमन — Pgs. 63 139. कर देंगे सेवा — Pgs. 119 214. कौन? — Pgs. 183
70. मूर्ख — Pgs. 64 140. बताशे — Pgs. 119 215. बेचारे — Pgs. 183
71. इनको चमकना 141. सयाने लोग — Pgs. 120 216. टिल्लू — Pgs. 184
बाकी है। — Pgs. 64 142. मुट्ठी भर आकाश — Pgs. 122 शुक्रिया तहेदिल से — Pgs. 184

The Author

Lata Kadambari

 प्रसिद्ध कपड़ा व्यवसायी हनुमान प्रसाद तुलस्यान की पौत्री तथा उत्तर प्रदेश के प्रसिद्ध लॉटरी व्यवसायी (लॉटरी सम्राट्) श्री बद्रीप्रसाद गोयल की पुत्रवधु।
कृतित्व :  कविता, कहानियाँ, रिपोर्ताज, यात्रा-वृत्तांत तथा लेख दैनिक जागरण, अमर उजाला, आई नेक्ट, सरिता, रूपायन, हैलो कानपुर जैसे प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं, अन्य साहित्यिक पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित तथा रेडियो से प्रसारित।
सन् 1998 से आर्किटेक्चर फर्म कर्वे गुंजाल ऐंड एसोसिएटेड के साथ एक इंटीरियर डिजायनर की हैसियत से कार्यरत। सन् 1997 में पति राकेश गोयल के साथ मिलकर कादंबरी ज्वैलर्स की स्थापना की। सेवा संस्थान काकादेव कानपुर की फाउंडर ट्रस्टी, डायरेक्टर और सिलाई केंद्र संचालिका तथा लॉयन क्लब आदर्श की मेंबर, अर्पिता महिला मंडल में कार्यकारिणी सदस्य। दुर्गाप्रसाद दुबे पुरस्कार कमेटी की सदस्या, लक्ष्मी देवी ललित कला अकादमी की संस्थापक सदस्या। उ.प्र. के राज्यपाल द्वारा पुरस्कृत; साहित्य वाचस्पति सम्मान तथा दैनिक जागरण, कानपुर में लोकपाल की पदवी से सम्मानित।
संप्रति :  पति राकेश गोयल के साथ ज्वैलरी व्यापार में संलग्न।

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