Prabhat Prakashan, one of the leading publishing houses in India eBooks | Careers | Events | Publish With Us | Dealers | Download Catalogues
Helpline: +91-7827007777

Bijli Ke Jhatke   

₹200

In stock
  We provide FREE Delivery on orders over ₹1500.00
Delivery Usually delivered in 5-6 days.
Author Shivshankar Mishra
Features
  • ISBN : 9789384344382
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1
  • ...more

More Information

  • Shivshankar Mishra
  • 9789384344382
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1
  • 2018
  • 160
  • Hard Cover

Description

"असंगतियाँ जब जीवन और समाज में स्थान और अधिकार पाने लगें, विडंबनाएँ जब दिखती हुई होकर भी पकड़ में नहीं आएँ, अन्याय जब परंपराएँ बनाने लगें, दुःख जब अपने प्रतिरोध के उपायों से वंचित किए जाएँ, जब व्यवस्था अपने विद्रूप में ही स्थापित हो ले, तब बनता है व्यंग्य।...व्यंग्य का एक बड़ा पाठक-वर्ग है, एक बड़ा बाजार है। लेकिन यहीं से उसकी असली समस्या भी शुरू होती है। यहीं से व्यंग्य में बाजार-पक्षीय विचलन बनने लगते हैं और परिणाम होता है कि व्यंग्य का वह पाठ कुल मिलाकर एक मनोरंजक राइट-अप बनकर रह जाता है; उसका उद्देश्य वही हो जाता है, उसकी सीमा भी वही होती है।...
मैंने यही अनुभव किया है कि व्यंग्य देश-काल-जीवन की एक अप्रत्याशित और अवांछित स्थिति, सिचुएशन है, जो किसी भी तरह का हो सकता है, किसी भी तरह के भाषा-शिल्प में हो सकता है। फिर भी, एक बात तय है कि वह न तो कोई मात्र हास्य-उत्पादक रचना होगी, न ही ललित-विनोदिनी।...
चूँकि मेरा ज्यादा रचनात्मक जुड़ाव काव्य की तरफ रहा, इसलिए सहज ही ऐसा हुआ कि मेरी कविताओं में, गजलों में और दूसरे रूपों में व्यंग्य को अधिक नियमित ढंग से जगह मिली। और—जब कभी कोई अनुभव-विषय दीर्घकालिक रूप से प्रेरता-उद्वेलता रहा तो गद्य में भी लिखा। यहाँ ये एक साथ संकलित हैं। इन का स्वभाव भी मेरे स्वभाव में ही बना है। इनकी भाषा, शिल्प और शैली भी मेरे अभ्यासोंकेहीअनुरूपहैं।
(‘लेखक का वक्तव्य’ से)

The Author

Shivshankar Mishra

जन्म : 18 दिसंबर, 1944 को पूर्वी चंपारण (ढाका अंचल) के सोरपनिया गाँव में।
शिक्षा : अंग्रेजी साहित्य में एम.ए., पी-एच.डी.।
प्रकाशन : ‘बीच का पहाड़’, ‘एक नया दिनमान’, ‘लड़ाई बाजार’, ‘बोलो कोयल बोलो’ (कविता); ‘सीढि़यों का भँवर’ (गीत); ‘आदमी हँसेगा जब’ (व्यंग्य-प्रगीत); ‘शब्द चलते हैं’, ‘ऐसे उदास मत हो’ (गजल); ‘आईना देखता है’ (रुबाई); ‘असीमित’ (विविध काव्य); ‘लड़कियाँ’, ‘नहीं’, ‘एक बटा दो’, ‘टूटकर’, ‘काला मोतिया’ (नाटक); ‘इसकी माँ’ (कहानी); ‘जनवादी कविता का संदर्भ’, ‘हिंदी गजल की भूमिका’, ‘आलोच्य का समास’, ‘पाठ और विमर्श’ (आलोचना)।
अंग्रेजी में ‘द गस्टी क्वायट’ (कविता), ‘राइज ऑफ विलियम ब्लैक’ (आलोचना) के अतिरिक्त भोजपुरी में ‘बात बहुबात’ (कविता) और मैथिली में ‘तथापि’ (कविता)। विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं और संपादित चयनों के बाहर, आकाशवाणी और दूरदर्शन से रचनाएँ व साक्षात्कार प्रसारित। कुछ रचनाएँ पंजाबी और तेलुगु में अनूदित।
सम्मान-पुरस्कार :‘राधाकृष्णपुरस्कार’तथा‘झारखंड राजभाषासाहित्यसम्मान’प्राप्त।कार्यकारीअध्यक्ष, सार्थकसांस्कृतिकसहकार मंच, राँची।

Customers who bought this also bought

WRITE YOUR OWN REVIEW