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Bihar : Ek Khoj

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Author Hemant
Features
  • ISBN : 9789350481059
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 2012
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More Information

  • Hemant
  • 9789350481059
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 2012
  • 2016
  • 216
  • Hard Cover
  • 435 Grams

Description

बिहार भारत का एक प्राचीन एवं उज्ज्वल संस्कृतिवाला राज्य है। प्राचीन दुनिया में सबसे पहले लोकतंत्र व्यवस्था वैशाली में स्थापित थी। सारी दुनिया को ज्ञान का आलोक देनेवाला बिहार ही है, जहाँ नालंदा जैसे विश्‍वविद्यालय स्थापित थे और जहाँ दुनिया भर के ज्ञान-पिपासु अपनी ज्ञान-तृषा शांत करने आया करते थे। खनिज-संपदा में बिहार की बराबरी कोई राज्य नहीं कर सकता।
सांस्कृतिक-संपन्नता की दृष्‍टि से बिहार का कोई सानी नहीं। यहाँ अनेक भाषा-बोलियाँ प्रचलन में हैं। बिहार विषम चरित्रवाला राज्य है, जहाँ ऐसे 241 समुदाय हैं, जिनके गोत्र या विजातीय विभाजन मौजूद हैं। बिहार में 89 प्रतिशत जनता गाँवों में निवास करती है, जिनका मुख्य पेशा खेती-बाड़ी है। यहाँ पर सर्वाधिक मेले आयोजित होते हैं, कुछ मेले तो अंतरराष्‍ट्रीय और राष्‍ट्रीय ख्याति प्राप्‍त कर चुके हैं।
हिंदुस्तान में गंगा-जमुनी संस्कृति की नींव रखनेवाले अकबर ने 1580 में इस भू-भाग को 'सूबा बिहार’ नाम दिया। अंग्रेजी शासन में लंबे संघर्ष के बाद 22 मार्च, 1912 को बिहार को भारत के अलग प्रांत का दरजा मिला। बाद में विकास की दृष्‍टि से बिहार के भाग को झारखंड नाम से अलग राज्य बना दिया गया। सामाजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक ही नहीं संपूर्ण रूप में जानने-समझने के लिए 'बिहार एक खोज’ अपने आप में एक संपूर्ण पुस्तक है।

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विषय सूची

1. पहचान की तलाश — Pgs. 7

डेरा बनाम घर — Pgs. 7

निर्धनता की ताकत — Pgs. 11

मनीऑर्डर इकॉनमी — Pgs. 15

उपभोगवादी बाजार — Pgs. 18

पहचान का विकास : विकास की पहचान — Pgs. 22

आत्महीनता और आत्ममुग्धता — Pgs. 25

विकास के तूफान में — Pgs. 26

बिहार बदल रहा है! — Pgs. 30

बिहारीपन — Pgs. 39

बिहार की पहली परिचिति — Pgs. 45

हँसियाँ-ही-हँसियाँ — Pgs. 51

विकास की रिमोट कंट्रोल प्रणाली — Pgs. 57

बिहार पढ़ना सीख रहा है — Pgs. 65

बिहार : भारत का दिल7 — Pgs. 69

2. ईमानदारी : एक पड़ताल — Pgs. 78

तासीर और तेवर — Pgs. 78

विरोधाभास का विदाई गीत — Pgs. 81

रुपैय्या बनाम रुपए बनाम... 85

जरूरत से ज्यादा ईमानदारी ढोते लोग — Pgs. 87

नाप-तौल के नए बटखरे — Pgs. 90

मशीन को पसीना नहीं आता — Pgs. 92

आवारा पूँजी : पिछलग्गू ज्ञान — Pgs. 96

अक्षर की खेती : अनाज की खेती — Pgs. 100

कमाल है! — Pgs. 104

ईमानदारी वही जो सा मन भाए — Pgs. 105

तानाशाही के लिए स्पेस — Pgs. 111

ईमानदारी विचित्र अच्छाई है — Pgs. 113

3. लोकतंत्र का तंत्रलोक — Pgs. 119

ईमानदारी से चलती बेईमानी — Pgs. 119

यूरोतंत्र ‘उफ्’ नहीं करता! — Pgs. 123

अनैतिक बनाम अवैध — Pgs. 129

आई.ए.एस. : आई.एम. सेफ — Pgs. 135

प्रचार तंत्र — Pgs. 139

4. बिहार काहम’ — Pgs. 148

बेहार, विहार, बिहार और बहार — Pgs. 148

बिहार बिहारियों के लिए — Pgs. 160

बिहारी लोकजीवन — Pgs. 169

दूध-का-दूध : पानी-का-पानी — Pgs. 173

खेती : आत्मनिर्भरता में भुखमरी — Pgs. 178

जनता : बोझ या बल — Pgs. 186

सोच की बंदिशें — Pgs. 188

बेफिक्र बिहारी मध्य वर्ग — Pgs. 194

लगे रहो मुन्ना भाई! — Pgs. 199

जाम वहाँ भी है — Pgs. 201

विशेष दरजा : पॉलिसी की पॉलिटिस — Pgs. 203

तो पता चला है — Pgs. 211

The Author

Hemant

जन्म : 24 अक्‍तूबर, 1949 को जमशेदपुर (झारखंड) में। शिक्षा : तेलुगु ने खड़ा किया, हिंदी ने चलना सिखाया। मेकैनिकल इंजीनियरिंग, बी.आई.टी., सिंदरी (धनबाद)। विगत पच्चीस वर्षों से पत्रकारिता और साहित्यकारिता। संप्रति : लेखन, संपादन और पत्रकारिता।

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