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Author Shyam Sunder Sharma
Features
  • ISBN : 9789386054135
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1st
  • ...more

More Information

  • Shyam Sunder Sharma
  • 9789386054135
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1st
  • 2016
  • 184
  • Hard Cover

Description

अविश्‍वसनीय प्रतीत होते हुए भी यह सच है कि पृथ्वी पर प्रतिदिन 9000 भूकंप आते हैं, परंतु वे इतने क्षीण होते हैं कि हम उन्हें महसूस भी नहीं कर पाते। भीषण और विनाशकारी भूकंपों की संख्या वर्ष में 10-12 से अधिक नहीं होती और प्रलय का दृश्य उपस्थित करनेवाले भूकंपों की संख्या तो वर्ष में 1 या 2 ही होती है। इसके बावजूद हर वर्ष लगभग 15,000 व्यक्‍ति भूकंपों के कारण काल के गाल में समा जाते हैं।
यद्यपि मृतकों को पुनरुज्जीवित तो नहीं किया जा सकता और न ही अपंग हुए व्यक्‍तियों को फिर से पूर्ण स्वस्थ किया जा सकता है, परंतु समय रहते सुरक्षा के आवश्यक उपाय करके जान-माल की अधिकाधिक रक्षा अवश्य की जा सकती है।
हमारा देश भी भूकंपी पट्टी में स्थित है और उसमें भी भीषण भूकंप आते ही रहते हैं। इसलिए उनसे अपनी सुरक्षा के उपाय करना हमारे लिए नितांत आवश्यक है।
प्रस्तुत पुस्तक में भूकंप उत्पन्न होने के कारण, विश्‍व तथा भारत के प्रसिद्ध भूकंपों के साथ-साथ इनसे सुरक्षा के दीर्घकालीन तथा तात्कालिक उपायों का वर्णन है। सरल भाषा, रोचक शैली में लिखी और चित्रों से सुसज्जित यह पुस्तक अत्यंत जानकारीपरक, उपयोगी एवं रुचिकर है।

The Author

Shyam Sunder Sharma

जन्म : 8 दिसंबर, 1929 ।
आरंभिक शिक्षा जबलपुर ( मध्य प्रदेश) में । कुछ वर्षों तक रसायनशास्त्र में शोध करने के पश्‍चात‍् हिंदी में विज्ञान लेखन । 1958 से ' विज्ञान प्रगति ' ( कौंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च की हिंदी विज्ञान - मासिक) से संबद्ध; 1964 से पत्रिका का संपादन । दिसंबर 1989 में संपादक पद से अवकाश ग्रहण ।
हिंदी में विभिन्न वैज्ञानिक और तकनीकी विषयों पर प्रकाशित पुस्तकों और पत्रिकाओं के विवरणों का आकलन और तृतीय विश्य हिंदी सम्मेलन के अवसर पर ' हिंदी में वैज्ञानिक और तकनीकी प्रकाशन निदेशिका ' का प्रकाशन ।
विविध वैज्ञानिक विषयों पर हिंदी में सैकड़ों लेख प्रकाशित और रेडियो वार्त्ताएँ प्रसारित । कुछ पुरस्कृत पुस्तकें है - अनंत आकाश : अथाह सागर (यूनेस्को पुरस्कार, 1969), सूक्ष्म इलेक्ट्रानिकी (विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार, 1987), प्रदूषण : कारण और निवारण (पर्यावरण और वन मंत्रालय, भारत सरकार, 1987), आओ चिड़ियाघर की सैर करें (हिंदी अकादमी, दिल्ली, 1985 - 86), विज्ञान परिषद् इलाहाबाद द्वारा उत्कृष्‍ट संपादन हेतु सम्मानित ।

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