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Author Narendra Pathak
Features
  • ISBN : 9789350489871
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1st
  • ...more

More Information

  • Narendra Pathak
  • 9789350489871
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1st
  • 2016
  • 400
  • Hard Cover

Description

उदयजी ने जिस सत्य का साक्षात्कार किया और उससे यह निष्कर्ष निकाला कि अछूत की समस्या का समाधान अछूत जातियों की सांस्कृतिक उन्नति में निहित है। इसकी शुरुआत उन्होंने उनको पाठशाला के करीब लाकर और दारू के अड्डों से दूर ले जाकर की।

वे यही चाहते थे कि दलित जातियाँ इतिहास से भी अपने सवालों के जवाब ढूँढ़े कि १० जनों के लिए २०० बीघा जमीन और ५६० जनों के लिए ९ कट्ठा ही क्यों? यह ९ कट्ठा भी चकबैरिया के मुसहरों को विरासत में नहीं मिली। इसके लिए लंबी लड़ाई लड़ी गई। छोटे दायरे में लड़ी गई ये लड़ाइयाँ इतिहास में दर्ज होने लायक नहीं हैं, क्योंकि यह किसी राजा-रानी के द्वारा नहीं लड़ी गइऔ। एक दलित यह लड़ाई अपने तरह के मुसहर जातियों के लिए वासभूमि दिलाने, राशन कार्ड और नागरिकता दिलाने के बाद सुअर के बाड़ों से निकालकर उन्हें स्कूल भेजने के लिए लड़ता रहा। मध्यकाल में अनेक सूबेदारों की उन लड़ाइयों को हम इतिहास के पाठयक्रम में पढ़ते हैं, जिसके मूल में कोई पराई महिला अथवा जागीरदारी रही है, उसे हम क्यों पढ़ते हैं, यह कभी नहीं बताया गया। लेकिन जो काम उदयजी ने अपने साथियों के साथ मिलकर किया, वह काम दलित जीवन के भी सबसे निचले पायदान पर खड़े महादलितों की विजय में, उनकी मुक्ति में मील का पत्थर बनेगा।

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अनुक्रम

शुभकामना — Pgs. 5

भूमिका — Pgs. 7

मेरे उदयजी — Pgs. 9

भाग-I : उदयजी का प्रारंभ

1. उदयजी का बचपन व परिवेश — Pgs. 25

2. उदयजी के गाँव में — Pgs. 49

3. उदयजी की जुबानी — Pgs. 79

भाग-II : मित्रों की नजर में उदयजी

1. रिस्क टेकर उदयजी-पी.वी. राजगोपाल — Pgs. 95

2. सन् 1975 की बाढ़ और शबरी मेला-फादर फिलिप मंथरा — Pgs. 113

3. हमारे समाज का आदमी-तूफानी राम — Pgs. 125

4. मुसहरों का नागरिक बनना-कपिलेश्वर राम — Pgs. 129

5. भारतीय पुलिस सेवा से वी.आर.एस. ले लिया-अरविंद वर्मा — Pgs. 134

6. पशुपालकों ने मेरा अभिनंदन किया-विजय कुमार मिश्र — Pgs. 142

7. उदय की लड़ाई निजी सरकारों की लड़ाई थी-मोहन प्रसाद — Pgs. 145

8. उदय ने आभिजात्य ऐंठन को तोड़ा-दीपक कोचगवे — Pgs. 150

9. मेरे मानस पटल पर अंकित घटना-विकास कुमार झा — Pgs. 151

10. राजनीति की बड़ी भूल-स्व. इद्रकुमारजी — Pgs. 158

11. सामाजिक आंदोलनों से मजबूत होगी राजनीतिक चेतना-स्व. प्रो. तुलसी राम — Pgs. 168

12. उदयजी को अपनी योग्यता सिद्ध करनी है-हेमंतजी — Pgs. 171

13. बरसात और उदयजी-सत्य प्रकाश असीम — Pgs. 178

14. दलित टोले में चौपाल-महाश्वेता और उदय के साथ-स्वामी अग्निवेश — Pgs. 187

15. मध्य बिहार में उदय की यात्रा का संगी रहा हूँ-कुलदीप नैय्यर — Pgs. 191

16. उदय अनाम सर्वोदयी हैं-कैलाश झा — Pgs. 196

17. मगध की ऐतिहासिकविषमता को उदयजी नेपहचाना-शशिभूषण, समाजशात्री — Pgs. 204

18. तंत्र की विकृतियों से लड़नेवाले सरल विद्यार्थी-स्व. प्रो. सच्चिदानंद — Pgs. 216

19. रात्रि पाठशाला में रिशाचालकों और खोमचावालों के बच्चों की पढ़ाई शुरू की-आनंदवर्द्धन सिन्हा — Pgs. 218

20. दलित अधिकारियों का लोकतांत्रिक आचरण-के.पी. रमैय्या — Pgs. 220

21. सड़े फलों के रस ने उन्हें बलवान बनाया-शैलेंद्र कुमार सिंह — Pgs. 223

22. हमारे रिंग लीडर उदय-प्रो. प्रणव बनर्जी — Pgs. 225

23. जे.पी. मूवमेंट और नसलवाद का पड़ाव-फरजंद अहमद — Pgs. 229

24. सेंट जेवियर, सेंट माइकल को मिलर स्कूल ने पछाड़ दिया-अरुण चौधरी — Pgs. 239

25. आचार्य राममूर्ति ने उदयजी को प्रत्याशी बनाया, सर्वोदयी लोगों ने प्रचार किया-स्व. त्रिपुरारी शरण — Pgs. 243

26. नाले की सफाई, शराब और श्मशान-चंद्रिका मल्लिक — Pgs. 245

27. उनका पटना विश्वविद्यालय में आना मेरे लिए आश्चर्य था-अरुण कुमार वर्मा — Pgs. 249

28. ‘तभरी भइयो तो वैसे ही थे, जब तीन हजार दिए’-श्रीमती देवकालो देवी — Pgs. 250

29. मैंने एस.पी. बलबीर चाँद की बात नहीं मानी-मुक्तियार सिंह — Pgs. 252

30. वामपंथ के एजेंडे से बाहर थे मुसहर-बिरेंद्र सिंह, वरिष्ठ पत्रकार — Pgs. 255

31. भू-स्वामियों के मन का अहंकार और मुसहरों के मन का भय-प्रदीप प्रियदर्शी — Pgs. 259

32. उदयजी ने मुझे सक्रिय राजनीति में आमंत्रित किया-प्रो. रामवचन राय — Pgs. 263

33. उदय नारायण चौधरी : जैसा देखा, वैसा जाना-व्यासजी — Pgs. 270

34. उदयजी ने फोटो जर्नलिज्म को प्रतिष्ठा दिलाई-स्व. कृष्ण मुरारी किशन — Pgs. 273

35. नीतीशजी और उदयजी ने सामाजिक सबलीकरण के नए युग का सूत्रपात कियाहै-डॉ. शैवाल गुप्ता — Pgs. 277

भाग-III: गतिविधियाँ

1. प्रयास ग्रामीण विकास समिति — Pgs. 285

2. ‘प्रयास’ गतिविधि-समाचार — Pgs. 287

3. प्रयास : ग्रामीण विकास समिति — Pgs. 294

4. प्रयास : भविष्य की योजनाएँ — Pgs. 296

5. पानी के लिए पानी-पानी — Pgs. 300

6. मुसहरों पर पुलिस अत्याचार का उदाहरण — Pgs. 303

7. प्रयास का आमंत्रण — Pgs. 306

8. फ्रांस यात्रा का प्रतिवेदन — Pgs. 327

9. अंतरराष्ट्रीय आदान-प्रदान — Pgs. 331

10 — Pgs. आर्थिक विकास और गरीबी — Pgs. 334

11. विकास का अर्थ — Pgs. 336

भाग-IV : विमर्श

1. विमर्श : उदयजी का पत्राचार — Pgs. 339

2. दासों ने अपनी गुलामी की जंजीरों को तोड़ दिया — Pgs. 382

भाग-V : परिशिष्ट

1. बिहार विधानसभा अध्यक्ष का निर्वाचन-2005 — Pgs. 389

The Author

Narendra Pathak

जन्म : 6 फरवरी, 1965 को बक्सर (बिहार) के कुसुरूपा गाँव में (स्व. श्रीमती चंद्रतारा देवी एवं 
श्री पारसनाथ पाठक की चौथी संतान)।
शिक्षा : बी.एच.यू., वाराणसी से कर्पूरी ठाकुर और समाजवाद पर शोध उपाधि।
गतिविधियाँ—
• 1981 में (एम.वी. कॉलेज, बक्सर) छात्र संघ अध्यक्ष का चुनाव लड़े।
• 23 मार्च, 1984 बी.एच.यू. से स्वर्ण मंदिर तक शांति यात्रा।
• 1993 में ‘बिहार में पंचायत’ पर अध्ययन, ए.एन. सिन्हा स.अ. संस्थान, पटना।
• 1994 में श्री मुलायम सिंह यादव ने बिहार समाजवादी पार्टी का महासचिव बनाया।
• फरवरी 1996 में मधु लिमये के साथ राष्ट्रीय युवा सम्मेलन, फिक्की, नई दिल्ली।
• 1997 से ‘आसा’ की गोष्ठियों का प्रारंभ श्री उदय नारायण चौधरी के साथ।
लेखन : ‘कर्पूरी ठाकुर और समाजवाद’।
संपादन : ‘विकसित बिहार की खोज’ (मुख्यमंत्री श्री नीतिश कुमार के अभिभाषण)।
(क) ‘गरीबी उन्मूलन में जनप्रतिनिधियों की भूमिका’ एवं (ख) ‘सदन में जननायक कर्पूरी ठाकुर ः (प्रश्नोत्तर खंड) भाग1’ बिहार विधानसभा सचिवालय, पटना (संपादन)।
दूरभाष : 09430951565
इमेल : narendrapathak1965@gmail.com

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