Prabhat Prakashan, one of the leading publishing houses in India eBooks | Careers | Events | Publish With Us | Dealers | Download Catalogues
Helpline: +91-7827007777

Aurat Ka Safar   

₹250

Out of Stock
  We provide FREE Delivery on orders over ₹1500.00
Delivery Usually delivered in 5-6 days.
Author Bimal Mitra
Features
  • ISBN : 8188267732
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1st
  • ...more
  • Kindle Store

More Information

  • Bimal Mitra
  • 8188267732
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1st
  • 2011
  • 192
  • Hard Cover

Description

उस दिन लिपस्टिक में सजी-धजी मृदुला देवी का मैंने एक और रूप देखा था। मुझे याद है, उस वक्त उनमें कितनी निष्ठा, कितना धैर्य था। हलकी सी हताशा भी जैसे उन्हें हराने में असफल थी। साड़ी का आँचल कमर में खोंसकर वे घर की साफ-सफाई में जुट गईं। ट्रंक, होलडॉल, बक्से-पिटारी, बिस्तर-तकिया—जो सामान उनके साथ आए थे, सब एक कोने में पड़े रहे। मृदुला देवी और मैंने मिलकर सामान धर-पकड़कर उस क्वार्टर को रहने लायक बना ही लिया। उसके बाद खाना पकाना! मृदुला देवी इतनी कर्मठ और काबिल महिला हैं, उस दिन अगर मैंने अपनी आँखों से न देखा होता तो मुझे कभी विश्वास नहीं आता। पसीने में नहाकर वे बिलकुल ही पस्त पड़ गई थीं।
—इसी संग्रह से ‘औरत का सफर’ कृति में ऐसी चार औरतों के सफर की कहानी है, जिनकी जिंदगी उन्हें अलग-अलग गंतव्य तक ले गई और उन्हें अलग-अलग फ्रेम में जड़ दिया। प्रख्यात बँगला साहित्यकार श्री बिमल मित्र कुशल कथा-शिल्पी व दिलचस्प किस्सागो हैं। प्रस्तुत है, चार रंगों में गुँथी हुई उनकी आकर्षक किस्सा-बयानी, जिनसे पाठक अभी तक अपरिचित थे।

The Author

Bimal Mitra

जन्म : 18 मार्च, 1921 को कलकत्ता में।
शिक्षा : कलकत्ता विश्‍वविद्यालय से एम.ए.।
रेलवे में विभिन्न पदों पर रहते हुए भारत के अनेक भागों का भ्रमण और जनजीवन का निकट से अध्ययन। 1956 में नौकरी से अलग होकर स्वतंत्र साहित्य सर्जन का आरंभ।
बँगला और हिंदी के भी सर्वाधिक प्रिय उपन्यासकार। इनके उपन्यासों की सबसे बड़ी विशेषता है विश्‍वव्यापी घटनाप्रवाह के सार्वजनीन तात्पर्य को अपने में समेट लेना।
प्रकाशन : ‘अन्यरूप’, ‘साहब बीबी गुलाम’, ‘राजाबदल’, ‘परस्त्री’, ‘इकाई दहाई सैकड़ा’, ‘खरीदी कौडि़यों के मोल’, ‘मुजरिम हाजिर’, ‘पति परमगुरु’, ‘बेगम मेरी विश्‍वास’, ‘चलो कलकत्ता’ आदि कुल लगभग 70 उपन्यासों की रचना। ‘पुतुल दादी’, ‘रानी साहिबा’ (कहानी-संग्रह)। ‘कन्यापक्ष’ (रेखा-चित्र)।
निधन : 2 दिसंबर, 1991।

Customers who bought this also bought

WRITE YOUR OWN REVIEW