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Asambhav Se Sambhav Ki Ore   

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Author Tarun Pithode
Features
  • ISBN : 9789386001016
  • Language : Hindi
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  • Kindle Store

More Information

  • Tarun Pithode
  • 9789386001016
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 2018
  • 192
  • Hard Cover

Description

यह उपन्यास एक जीवन-गाथा है। एक जीवन, जिसका कुछ हिस्सा मैंने भी अनुभव किया है और मेरा इसे अस्वीकार करने का इरादा नहीं है। हम संभावनाओं की सदी में रहते हैं, जहाँ असंभव भी अधिकतर संभव प्रतीत होता है, इसीलिए इस कहानी का जन्म हुआ, जो आज के युवाओं की क्षमताओं का बहुत अच्छा वर्णन करती है। जीवन की नवीन वास्तविकताओं से परिचित होने के दौरान मैंने कुछ समय चुराया, अधिकतर अपने परिवार के हिस्से में से और कुछ बातें लिखीं, जिन्हें मैंने अपने संघर्ष की अवधि में अनुभव किया था, संघर्ष कोई नहीं से, कुछ बनने का। उन्हीं अनुभवों को मैं आज की पीढ़ी से और कई ऐसे लोगों से बाँटना चाहता हूँ, जो संघर्ष करते हैं, उपलब्धियों से भरे जीवन का निर्माण करने के लिए और अपनी किस्मत से लड़ने के लिए। 
इस उपन्यास का उद्देश्य है लोगों की मदद करना—अपने संघर्ष को कुछ आसान समझने में, दुनिया को बेहतर ढंग से जानने में, और स्वयं को धोखा खाया महसूस न करने में।

 

The Author

Tarun Pithode

2009 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा के युवा-उत्साही अधिकारी। मध्य प्रदेश के स्टेट रिन्यूएबल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन के अतिरिक्त प्रबंध निदेशक तथा व्यापम के निदेशक रहे। संप्रति राजगढ़ के कलेक्टर हैं।
अंग्रेजी में I AM POSSIBLE के नाम से प्रकाशित उनके प्रथम उपन्यास ने अपार ख्याति अर्जित की और पहले सेल्फ हैल्प उपन्यास की श्रेणी में लोकप्रियता के शिखर को छुआ। तरुण पिथोड़े निरंतर समसामयिक विषयों पर ब्लॉग्स और लेख लिखते हैं।

 

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