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APANE BHEETAR KA MEGHDOOT

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Author Amarendra Khatua
Features
  • ISBN : 9789380823683
  • Language : Hindi
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  • Kindle Store

More Information

  • Amarendra Khatua
  • 9789380823683
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 2012
  • 112
  • Hard Cover
  • 200 Grams

Description

‘आत्मा बेचारी कितनी गहराई में होती है
हाड़-मांस-चर्म की पोशाक पहन,
इंद्रियों का साम्राज्य बना
सामने की दुनिया में खुद को
प्रकट और नामित कर।’

‘याद रखो
जो सुख का है वह सबका है
जो दु:ख का है सिर्फ अपना है।’

‘वजह हो या न हो मेरी कविता में
मेरे समय के और बाद के
हर कवि की कविता के अणुओं और
परमाणुओं में
हो प्रचुर शक्‍ति।’

‘अपनी अंगिक असफलता समझने को
कवि के पास नहीं होते शब्द।’
‘अभव के इस चकित महापर्व से ही तो
जन्म लेते हैं हमारे अल्पायु संबंध।

‘इतनी गहरी यातना को
क्या घाव की तरह
नहीं पहना जा सकता
रोजाना की पोशाक के नीचे?’

The Author

Amarendra Khatua

जन्म : 4 जून, 1957 को उड़ीसा के एक गाँव में।
संबलपुर और दिल्ली विश्वविद्यालय में अध्ययन।
सन् 1981 से भारतीय विदेश सेवा के अंतर्गत स्पेन, मेक्सिको, पाकिस्तान, रूस आदि देशों में तैनात रहे। इस समय न्यूयॉक में कार्यरत।
सन् 1968 से लेखन कार्य। चौदह कविता-संग्रह उडि़या में और तीन अंग्रेजी में प्रकाशित। अंग्रेजी, उड़िया और स्पेनिश में कविता लेखन व पुस्तक समीक्षा। कविताएँ व समीक्षाएँ लगभग समस्त भारतीय भाषाओं व स्पेनिश, रूसी आदि भाषाओं में अनूदित व प्रकाशित।

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