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Anand-Lehar   

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Author Ramchandra Dwivedi
Features
  • ISBN : 9789382901891
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1
  • ...more
  • Kindle Store

More Information

  • Ramchandra Dwivedi
  • 9789382901891
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1
  • 2015
  • 104
  • Hard Cover

Description

यह सृष्टि द्वंद्वमय है। जीवन के प्रत्येक क्रिया-कलाप के साथ सम-विषम भाव जुडे़ हुए हैं। लेखनी या वाणी तो सीमित साधनमात्र है।
पद्यमय रचना पाठकों को अच्छी लगती है, अतः तुकांत पदों में रचना होने लगी। हर्ष, आनंद, खुशी, उल्लास, आमोद-प्रमोद, प्रसन्नता के ही पर्याय हैं। आनंद की अनुभूति केवल ठहाके लगाने या मुसकराने से ही नहीं होती। जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में खुशी की खोज की जा सकती है। प्रस्तुत पुस्तक में हम व्यावहारिक जगत् के कुछ विषयों का संक्षेप में उल्लेख कर रहे हैं, जो आनंद-प्राप्ति में साधनरूप हैं—हास्य के स्रोत, हँसी का महत्त्व, काल और स्थान, मानव-स्वभाव, श्रम का महत्त्व, सांसारिक संबंध, प्राचीन साधन, सुख की खोज, आशा का बंधन, मन की पहचान, सज्जन-दुर्जन, जड़-चेतन में हास्य, वाणी का महत्त्व, परसेवा, परिश्रम तथा भाग्य, सुख-साधन, जगत्-धर्म, प्रकृति के वरदान, कृत्रिमता, कंप्यूटर-युग आदि।
व्यक्ति के उत्थान-पतन से जुड़े ये विचार पठनीय तो हैं ही, संग्रहणीय भी हैं। हर आयु-वर्ग के पाठकों के लिए यह पुस्तक रोचक, ज्ञानवर्धक और आनंददायक है।

The Author

Ramchandra Dwivedi

जन्म : पौड़ी-गढ़वाल, उत्तर प्रदेश (अब उत्तराखंड) के एक गाँव में 11 अक्तूबर, 1939 में। 
शिक्षा :  वाराणसेय  संस्कृत विश्वविद्यालय से शास्त्री (बी.ए.), बृहद् गुजरात संस्कृत परिषद् से आचार्य (एम.ए.), मुंबई हिंदी विद्यापीठ से साहित्य-सुधाकर एवं हिंदी भाषा-रत्न।
गुजरात राज्य शिक्षा विभाग से सीनियर शिक्षक सनद, सेकेंडरी टीचर्स सर्टिफिकेट (एस.टी.सी.) तथा डिप्लोमा इन एजुकेशन (डी.एड्.), गुजरात विश्वविद्यालय से एम.एड्. उपाधियाँ प्राप्त।
एक साल गढ़वाल में, पंद्रह साल गुजरात में तथा छब्बीस साल सरदार पटेल विद्यालय, नई दिल्ली में संस्कृत-हिंदी विषय-अध्यापन।
रचना-संसार : प्रशिक्षण-काल में बुनियादी शिक्षा का पद्यमय इतिहास। सूक्ति सप्तशती (संस्कृत-हिंदी), कबीर साखी वचनामृत (दोहों का संस्कृत में छायानुवाद, सरलार्थ, भावविमर्श), इनके अतिरिक्त विभिन्न प्रकाशकों के लिए कक्षा चौथी से आठवीं तक के लिए संस्कृत-हिंदी पुस्तकों का लेखन एवं संपादन।

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