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Aise Hua Hool

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Author R. Carstairs
Features
  • ISBN : 9789350481646
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1st
  • ...more
  • Kindle Store

More Information

  • R. Carstairs
  • 9789350481646
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1st
  • 2016
  • 352
  • Hard Cover
  • 670 Grams

Description

रॉबर्ट कार्सटेयर्स, आइसीएस लिखित उपन्यास 'हाड़माज विलेज’ का प्रकाशन 1935 में हुआ था। वर्तमान झारखंड के संताल परगना प्रमंडल अंतर्गत आमड़ापाड़ा और लिटिपाड़ा प्रखंडों के वास्तविक गाँवों के वास्तविक पात्रों को लेकर रचा गया यह उपन्यास 1855 में हुए 'हूल’ का आँखों देखा हाल वर्णन करता प्रतीत होता है। उपन्यास में वर्णित गाँव आज भी अस्तित्व में हैं और समुदाय के उन नायकों को अब भी श्रद्धा से याद किया जाता है, जिन्होंने स्वाधीनता के लिए प्राण न्योछावर कर दिए।
कार्सटेयर्स 1885 से 1898 तक संताल परगना जिला के डिप्टी कमिश्‍नर के रूप में लगभग 13 वर्षों तक दुमका में पदस्थापित रहे। आर.आर.के. किस्कू रापाज द्वारा रोमन लिपि संताली में अनूदित इस महत्त्वपूर्ण दस्तावेजी उपन्यास का प्रकाशन 1946 में 'हाड़मावाक् आतो’ नाम से हुआ था। इसी संताली संस्करण का हिंदी अनुवाद है—'ऐसे हुआ हूल’।
वस्तुत: कार्सटेयर्स ने यह उपन्यास लिखा ही इसलिए होगा, ताकि वह अपने कार्य-स्थल की वास्तविक स्थितियों से अपने देशवासियों तथा अंग्रेजी के वैसे भारतीय पाठकों को परिचित करा सके, जो आदिवासियों, विशेषकर संताल आदिवासियों की जीवन-शैली, उनके आचार-व्यवहार, रीति-रिवाज और स्वाधीनता प्रेमी चरित्र के प्रति अनभिज्ञ थे।

The Author

R. Carstairs

जन्म : 1946 में धनुषपूजा (पाकुड़) में हुआ।
शिक्षा : राजनीति शास्‍‍त्र में बिहार विश्‍वविद्यालय, मुजफ्फरपुर से स्नातक।
कृतित्व : नौ वर्षों तक बिहार सरकार के अधीन नियोजन अधिकारी। ’70 के दशक से लेखन कर्म की शुरुआत। झारखंड में चल रहे विभिन्न जन-आंदोलनों, विशेषकर नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज और कोयलकारो परियोजना के खिलाफ चले आंदोलनों तथा झारखंड आंदोलन में सक्रिय भागीदारी। वर्ष ’83 से गुड बुक्स एजुकेशनल ट्रस्ट में रहते हुए पत्रिका संपादन व रेडियो कार्यक्रम से जुडे़ लगभग 400 रेडियो कार्यक्रमों का निर्माण। वर्ष 1974 से स्वतंत्र रूप से लेखन व वीडियो फिल्म निर्माण से जुड़ाव। बीस से अधिक वृत्तचित्रों के निर्माता, लेखक व निर्देशक। मंडापर्व, सरहुल, झारखंड में विकास, एक अनुभूति, सौरिया पहाडि़या, बिंझिया, शिक्षा, समाज और सत्ता, अक्षर की बरसात आदि इनकी कुछ प्रमुख फिल्में हैं।
संप्रति : संपादक, झारखंड न्यूजलाईन, सांध्य दैनिक, राँची।

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